कच्चे आढतीयों की ग्रॉस रिसिप्ट में आ रहे डिफरेंस के आधार पर निकाली गई डिमांड को हटाने की मांग को लेकर वित मंत्री के नाम दिया ज्ञापन

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व्यापारी उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन देते हुए

कच्चे आढतीयों की ग्रॉस रिसिप्ट में रहे डिफरेंस के आधार पर निकाली गई डिमांड को हटाने की मांग को लेकर वित मंत्री के नाम दिया ज्ञापन
अनूपगढ (विपुल अग्रवाल) कच्चे आढ़तियों के फॉर्म नंबर 26 ए एस में 194 क्यू के तहत टीडीएस के कारण ग्रॉस रिसिप्ट में आ रहे डिफरेंस के आधार पर सीपीसी बैंगलोर द्वारा निकाली गई डिमांडस को हटाने की मांग को लेकर टैक्स बार एसोसिएशन एवं व्यापार मंडल पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम एसडीएम प्रियंका तलानिया को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में लिखा है कि कच्चा आढ़तिया कमीशन के आधार पर किसानों की कृषि फसल की बिक्री के रूप में जाना जाता है। कच्चा आढ़तिया के व्यवसाय की प्रकृति किसान को अपनी फसल को कारखाने के मालिकों या व्यापारियों को उचित बाजार दर पर बेचने के लिए सेवाएं देने से संबंधित है। कच्चा आढ़तीया किसानों को उनकी फसल की खेती के लिए अग्रिम रूपए देता है। इस प्रकार की सेवाएं देने के लिए कच्चा आढ़तिया कमीशन प्राप्त करता है। कानून के अनुसार उक्त कमीशन रसीद को कच्चा आढ़ती के सकल कारोबार के रूप में माना जाता है। व्यापार मंडल अध्यक्ष बुलचंद चूघ ने बताया कि किसान द्वारा आढ़तियों के माध्यम से बेची गई फसल के बिक्री मूल्य को कच्चा आढ़तियों का टर्नओवर नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि सीबीडीटी परिपत्र सं. 452 के अनुसार कच्चा आढ़तिया केवल किसान के एजेंट के रूप में कार्य करता है। वह कभी भी प्रधान के रूप में कार्य नहीं करता। केवल कमीशन ही उसका टर्नओवर है। सीपीसी ने आईटीआर की प्रक्रिया के दौरान टीडीएस के दावे को इस आधार पर नामंजूर कर दिया है कि फॉर्म 26 एएस के अनुसार सकल प्राप्तियां आईटीआर में दर्शाई गई सकल प्राप्तियों से अधिक हैं। आयकर अधिनियम की धारा 194क्यू के तहत खरीदार द्वारा काटे गए टीडीएस के कारण होता है। किसान की फसल के खरीद मूल्य पर धारा 194 क्यू के तहत टीडीएस काटा है। वास्तव में कच्ची आढ़ती की बिक्री या टर्नओवर नहीं है। बल्कि वास्तव में यह किसान की बिक्री है। टैक्स बार एसोसिएशन अनूपगढ़ सरकार से मांग करता है कि उपर्युक्त कानूनी और तथ्यात्मक स्थिति के अवलोकन में निर्धारिती निर्धारण वर्ष के लिए आईटीआर में दावा किए। टीडीएस की पूरी राशि के क्रेडिट के लिए हकदार है। धारा 154 के तहत आवेदन को स्वीकार कर टीडीएस का क्रेडिट दें और मांग को हटाकर ब्याज सहित रिफंड जारी करें। इस दौरान व्यापार मंडल अध्यक्ष बुलचंद चुघ, टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरचंद कुक्कड़ सचिव रमेश शेवकानी व्यापार मंडल सचिव श्रवण नंदा सीए मोहित बजाज सीए शुभम धूड़ीयां, एडवोकेट रमेश लेघा गंगाबिशन सेतिया पूर्व पार्षद चेतन ओढ़ भगवानदास मीठियां अकाउंटेंट सुरेंद्र सिंह, विकास नागपाल विकास शर्मा, मुकेश गोयर व महावीर प्रसाद सहित अन्य व्यापारी मौजूद थे ||

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