गोबर-गौमूत्र प्रसंस्करण किसान सम्मेलन 12 अप्रेल को

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खाजूवाला 7 अप्रेल (मदन अरोड़ा)। राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय एवं राजस्थान गौ सेवा परिषद्, बीकानेर के बीच हुए एम.ओ.यू. के तहत संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन के निर्देशन पर गोबर से खाद और गौमूत्र से कीटनाशक बनाने एवं इसके विपणन सम्बन्धी सम्भावनाओं के मद्देनजर एक दिवसीय किसान सम्मेलन आगामी 12 अप्रेल को रविन्द्र रंगमंच में आयोजित किया जाएगा। इसी उद्देश्य से शुक्रवार को प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए राजस्थान गौ सेवा परिषद के राष्ट्रीय समन्वयक एवं राजुवास के पूर्व कुलपति प्रो. ए.के.गहलोत राजुवास ने बताया कि गोबर एवं गौमूत्र के प्रसंस्करण द्वारा गोपालन को आर्थिक रूप से उन्नत बनाने के उद्देश्य से जिले के लगभग 1500 पशुपालकों एवं किसानों को इस हेतु प्रशिक्षित किया गया। इसमें वेटरनरी विश्वविद्यालय के साथ राजस्थान गौ सेवा परिषद्, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, नाबार्ड एवं जिला प्रशासन का सहयोग रहा है। आगामी 12 अप्रेल को इस उद्देश्य से गोबर-गौमूत्र प्रसंस्करण समारोह द्वितीय रविन्द्र रंगमंच में आयोजित किया जा रहा है। जिसमें वेटरनरी विश्वविद्यालय, कृषि विश्वविद्यालय के साथ राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा प्रदर्शनी लगाई जायेगी तथा तकनीकी सत्र के माध्यम से किसानों-पशुपालकों एवं उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों से संवाद आयोजित किये जायेगें। कृषि एवं पशुपालन मन्त्री श्री लालचंद कटारिया इसके मुख्य अतिथि रहेगें। कार्यक्रम की अध्यक्षता कामधेनु आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. वल्लभ भाई कथिरिया  करेगें। राजस्थान गौसेवा आयोग के अध्यक्ष मेवाराम जैन, संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के पवन, राजुवास के कुलपति प्रो. सतीश के गर्ग, जुट एसकेआरएयू के कुलपति प्रो. अरूण कुमार, अतिरिक्त निदेशक गोपालन विभाग डॉ. लाल सिंह,  स्वामी दिनेश गिरी महाराज, राजस्थान गौ सेवा परिषद के अध्यक्ष हेम शर्मा आदि उपस्थित रहे। राजुवास के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. राजेश कुमार धूड़िया सम्मेलन के नोडल अधिकारी हैं।  गजेन्द्रसिंह सांखला ने कहा कि गोबर-गौमूत्र प्रसंस्करण से न केवल गोपालन को आर्थिक आधार मिलेगा वरन् आवारा पशुओं की समस्याओं से भी निजात मिलेगी। श्री हेम शर्मा ने कहा कि पहला गोबर-गौमूत्र प्रसंस्करण समारोह जयपुर में आयोजित किया जा चुका है। इस कार्य हेतु बीकानेर को राज्य में एक मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस दौरान अजय पुरोहित, सचिव, रिद्वकरण सेठिया एवं अरविन्द मिढढ़ा उपाध्यक्ष, राजस्थान गौ सेवा परिषद् ने भी प्रेस को सम्बोधित किया।

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