RTE पर मचा घमासान : सड़कों पर उतरे अभिभावक
शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला टाइम देने के बावजूद नही मिले तो अभिभावक संघ ने बीकानेर पहुंचाया ज्ञापन
— आरटीई, स्कूलों में फीस वृद्धि, किताबें, ड्रेस पर हुई वृद्धि को लेकर दिया ज्ञापन

जयपुर। शनिवार को राजधानी जयपुर के अभिभावक शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला को ज्ञापन देने उनके सरकारी निवास पर पहुंचे, संयुक्त अभिभावक संघ ने शुक्रवार को बीडी कल्ला से अभिभावकों का पक्ष रखने के लिए समय मांगा था, जिस पर स्वयं शिक्षा मंत्री ने शनिवार सुबह 9 बजे का समय दिया था, किंतु अभिभावकों के पहुंचने से पहले ही शिक्षा मंत्री जयपुर से बीकानेर के लिए रवाना हो गए, जिससे अभिभावक आक्रोशित हो गए लेकिन संयम बरतते हुए अभिभावकों ने मंत्री आवास पर तैनात पुलिसकर्मी दीनदयाल से वार्तालाप की ओर ज्ञापन की कॉपी उन्हे दी, जब शिक्षा मंत्री से मुलाकात नही हुई तो सभी अभिभावक राज्यमंत्री जाहिदा खान के गांधी नगर आवास पर पहुंचे किंतु वहां पर भी मंत्री से मुलाकात नही हुई तो उसके बाद संयुक्त अभिभावक संघ ने ज्ञापन की कॉपी बीकानेर ही पहुंचा दी। संघ की बीकानेर टीम ने शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर प्रदेशभर के अभिभावकों की मांगों को लेकर तैयार ज्ञापन को मंत्री के हाथों में सौपा और जल्द से जल्द कार्यवाही की मांग की।
शनिवार को देने गए ज्ञापन के दौरान संघ प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल, प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू, एडवोकेट रवि तिवाड़ी, अभिभावक एकता आंदोलन अध्यक्ष मनीष विजयवर्गीय, गोविंददेव जी मंदिर महंत , विष्णु सैनी, प्रकाश कुमार, विकास शर्मा, अली अयान, निखिल गर्ग, शाहीन, सुशीला अग्रवाल, मिथिलेश पाल, भावना लावण्या, कमलेश जठवानी, विक्की सैनी, रेशमा बानो, विनोद भगवानी आदि सहित बड़ी संख्या में अभिभावक अपनी मांगो को लेकर ना केवल सड़कों पर उतर रहे बल्कि शनिवार को मंत्री से मुलाकात के लिए भी चक्कर कांट रहे है। उसके बावजूद अभिभावकों को इंसाफ नहीं मिल रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा की शिक्षा को लेकर प्रदेश का प्रत्येक अभिभावक पीड़ित और प्रताड़ित हो रहा है भले ही वह सरकारी स्कूल का मामला हो या निजी स्कूल का एमएलए हो प्रत्येक अभिभावक और छात्र मानसिक प्रताड़ना झेलने पर मजबूर हो रही है सरकार कानून बनाकर भूल चुकी है, प्रशासन कानूनों की पालना नहीं करवा रहा है, स्कूल लगातार अपनी मनमानी कर रहा है निजी स्कूल आरटीई में छात्रों के एडमिशन देने से मना कर रहा है, वही दूसरी तरह यही निजी स्कूल फीस वृद्धि में भी मनमानी कर रहा है। इसके अलावा इन दिनों फीस के साथ – साथ स्कूलों ने किताबों, ड्रेस इत्यादि को लेकर भी दामों में भारी वृद्धि कर दी है जिसके चलते अभिभावक ठोकरे खाने पर मजबूर हो रहे है।
प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की अभिभावकों ने सर्व प्रथम अपनी बात स्कूलों के समक्ष रखनी चाही तो स्कूलों ने नही सुनी, उसके बाद विभाग में अपनी बात रखने पहुंचने तो वहां अभिभावकों की पीड़ाओं को नही सुना गया, उसके अधिकारियों से मुलाकात की उन्हे भी बात नही सुनी, अब मंत्री से समय लेकर आए तो शिक्षा मंत्री भी बात सुनने से पहले जयपुर छोड़कर भाग खड़े हुए। यह केवल शिक्षा का ही अपमान नही बल्कि प्रदेश के 2 करोड़ से अधिक अभिभावकों का अपमान है। संयुक्त अभिभावक संघ को जब जानकारी मिली की शिक्षा मंत्री बीकानेर के लिए रवाना हो गए है तो संघ ने बीकानेर टीम को ज्ञापन की कॉपी वहां भेजकर बीडी कल्ला को ज्ञापन सौपा। सोमवार को मुख्य शिक्षा सचिव को ज्ञापन दिया जायेगा। इन सबके के बावजूद अगर सुनवाई नहीं हुई तो संयुक्त अभिभावक संघ इस मसले को लेकर कोर्ट में जायेगा। जब तब प्रदेश के अभिभावकों को न्याय नहीं मिलेगा अभिभावक चुप नहीं बैठेगा, पूरे प्रदेश का अभिभावक बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित है।
संयुक्त अभिभावक संघ ने शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला और शिक्षा राज्यमंत्री जाहिदा खान से की यह 11 मांगे :-
- निजी विद्यालयों में सत्र 2022-23 में RTE की प्रक्रिया के तहत हुए प्री-प्राइमरी कक्षा और उसके आगे की कक्षाओं के एडमिशन बरकार रखे जाए।
- सरकार द्वारा सत्र 2022-23 में RTE प्रक्रिया के तहत जिन विद्यार्थियों के निजी विद्यालयों में एडमिशन हुए है उनको नियमित करवाने के पश्चात ही नए सत्र 2023-24 RTE प्रक्रिया के निजी विद्यालयों में एडमिशन की प्रक्रिया चालू की जाए।
- RTE प्रक्रिया के तहत हुए सफल एडमिशन के बावजूद विद्यार्थियों पर भी कई निजी स्कूलों द्वारा फीस जमा करवाने का दबाव बनाया जा रहा हैं। ऐसे विद्यालयों पर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए उनकी मान्यता रद्द की जाए।
- निजी विद्यालयों द्वारा RTE प्रक्रिया की लॉटरी सिस्टम में सफल विद्यार्थियों के लॉटरी में वरीयता प्राप्त होने के बावजूद एडमिशन नहीं दिया जा रहा है और कम वरीयता प्राप्त होने के बावजूद निजी विद्यालय उन्हें मनमाने तरीके से एडमिशन दे रहे, उन निजी विद्यालयों पर भी सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
- मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा जिसमें कक्षा 9 से 12 वीं तक की शिक्षा निशुल्क दी जानी है उसकी नीति व प्रक्रिया शिक्षा विभाग द्वारा तुरंत घोषित की जाये जिससे छात्रों की शिक्षा नए सत्र में चालू रहे।
- माननीय उच्चतम न्यायालय 03 मई 2021 व 1 अक्टूबर 2021 को दिए आदेश की पालना सख्त निर्देशों के साथ करवाई जाए एवं निजी विद्यालयों में स्कूल फीस एक्ट 2016 की पालना तय करवाई जाए। इनकी पालना नहीं होने के कारण या गलत तरीके (मनमाने) से करने के कारण अभिभावकों से मोटी और मनमानी फीस के नाम पर लूट जारी है। ऐसे विद्यालयों पर नियमानुसार कार्यवाही की जाए और कानून की पालना सुनिश्चित करवाई जाए।
- निजी स्कूल फीस निर्धारण एक्ट 2016 के अनुसार निजी विद्यालयों में PTA एवं SLFC का गठन सही तरीके से गठन करने की नीति जारी कर इन प्रक्रिया की जांच करने पर फीस निर्धारण की करवाही चालू करने के आदेश जारी किए जाएं।
- जिन भी निजी विद्यालयों में फीस वृद्धि की गई है उन विद्यार्थियों के अभिभावकों को SLFC की मीटिंग के मिनिट्स एवं खर्चे व आमदनी का पूरा लेखा-जोखा उपलब्ध करवा कर फीस की वृद्धि के कारण सार्वजनिक कर नोटिस बोर्ड और इन निजी विद्यालयों की वेबसाइट पर उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए जाए। ऐसा न करने पर फीस वृद्धि के अधिकार से निजी विद्यालयों को वंचित किया जाए।
- निजी विद्यालयों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के अभिभावकों को सूचना उपलब्ध नहीं करवाने की स्थिति में शिकायतों पर शिक्षा विभाग को कठोर कार्यवाही करने के लिए पाबंद किया जाए एवं ऐसे निजी विद्यालयों में फीस वृद्धि पर रोक लगाने का नियम लागू किया जाए।
- निजी विद्यालयों में सत्र की शुरुआत में कॉपी, किताब व ड्रेस में कमीशन एवं महंगी वस्तुएं देने की शिकायत आ रही हैं। ऐसी स्थिति में शिक्षा विभाग में शिकायत करने पर त्वरित कार्यवाही करने व्यवस्था की जाए और इसको लेकर बनाए कानून की पालना भी सुनिश्चित करवाई जाए।
- कॉपी किताब व ड्रेस के संदर्भ में विभाग द्वारा जारी नियमों की जानकारी सार्वजनिक किए जाए और सत्र के शुरू होने पर जागृति अभियान के साथ ही पालना नहीं करने वाले विद्यालयों पर कार्यवाही तुरंत करने की विशेष व्यवस्था की जाए।