आरटीओ के सामने ही बेधड़क निकलते हैं ओवरलोड वाहन,नहीं होती कार्रवाई

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आरटीओ के सामने ही बेधड़क निकलते हैं ओवरलोड वाहन,नहीं होती कार्रवाई

हादसों का बना रहता है डर

छतरगढ़ शासन के तमाम प्रयासों के बाद भी ओवरलोड वाहनों का संचालन बेधड़क हो रहा है।चाहे वह माल वाहक हो या सवारी वाहन।इसके साथ ही निर्माण सामग्री से अवैध रूप से भरकर वाहनों की ओवरलोडिंग की जा रही है। बावजूद इसके न तो परिवहन विभाग सक्रिय दिख रहा है न ही पुलिस।ओवरलोड वाहनों से आए दिन प्रदेश भर में हादसे होते हैं,लेकिन फिर भी इनपर कोई परिवहन विभाग द्वारा कोई अंकुश नहीं लगाया जा रहा है।गौरतलब है कि छतरगढ़ तहसील मुख्यालय पर रोजाना सैकड़ों बसे व विभिन्न निर्माण सामग्री से भरकर ओवरलोड वाहन दिनभर सड़कों पर क्षमता से अधिक यात्रियों व माल को लेकर फर्राटे भर रहें हैं।वहीं,पिकअप, ट्रेक्टर ट्राली, ट्रक आदि वाहन भी ओवरलोडिंग कर सड़कों पर दौड़ते देखे जा रहे हैं। यातायात सुरक्षा को लेकर पुलिस व परिवहन विभाग द्वारा लोगों को जिला प्रशासन के आदेशानुसार समय-समय पर सड़क सुरक्षा सप्ताह तहत विभिन्न वाहन चालकों को पाठ पढ़ाया जाता है।और विभाग की टीमें समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर लोगों को तेज गति से वाहन न चलाने व क्षमता से अधिक भार लेकर न चलने की हिदायत देते हैं,लेकिन जिस तरह से ओवरलोडिंग कर वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं, उससे साफ पता चलता है कि विभाग पूरी तरह से सक्रिय नहीं है।नियम है कि कोई भी भार वाहक वाहन में क्षमता से अधिक भार नहीं लादा जाए,लेकिन इस नियम का शहर में पालन नहीं हो रहा है। चालक पिकअप,ट्रक में तिरपाल लगाकार चाहे भूसा हो या सामान कई फीट ऊपर तक भरते हैं और सड़कों पर फर्राटा भरते हैं।

चौराहों,तिराहों पर रहती है पुलिस की ड्यूटी

नेशनल हाईवे सहित अन्य सड़क मार्ग पर नाकाबंदी दौरान पुलिस ड्यूटी करती है और चौराहों, तिराहों पर भी पुलिसकर्मी मुश्तैद रहते हैं। इसके बाद भी ओवरलोड वाहनों पर कोई रोक नहीं लगाई जाती। तय क्षमता से ज्यादा मामल लादने के बाद कभी भी वाहन के असंतुलित होने की संभावना रहती है,इससे बड़ा हादसा भी हो सकता है।जिसकी चपेट में खुद वाहन चालक व अन्य लोग आ सकते हैं।

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