सांसद से की ऑनलाइन पंजीकरण की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग-

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(संगरिया) क्षेत्र के व्यापारीयों, किसानों एवं मजदूरों को गेहूं क्रय-विक्रय करने के लिये ऑनलाइन पंजीकरण की अनिवार्यता होने के कारण काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी, संगरिया द्वारा एक मांगपत्र संगरिया निजी प्रवास पर आये सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री निहाल चंद को सौंपा। इस मौके पर नगर मण्डल अध्यक्ष चरण दास गर्ग, पूर्व अध्यक्ष श्याम लाल मित्तल, देहात अध्यक्ष श्योपत बैनीवाल, डॉ संजय जिन्दल, पार्षद एड. प्रिंस मिढ़ा, मोहित नागौरी, डिप्टी कंवल शर्मा, सीताराम अग्रवाल, जसवंत भाकर, मोतीलाल सिंधी, पवन गर्ग, भीमसेन ग्रोवर, सुभाष परिहार आदि ने ज्ञापन प्रस्तुत कर कहा कि गेहूं क्रय-विक्रय करने के लिये जन आधार, ऑनलाइन पंजीकरण एवं गिरदावरी को तुरंत प्रभाव से हटवाया जाए और किसान की गेहूं की खरीद हेतु सरल तरीका अपनाया जावे अर्थात् आधार कार्ड एवं बैंक पास बुक के माध्यम से खरीद किया जाये। जिससे कि क्षेत्र के किसानों को सहुलियत प्रदान हो सके। ज्ञापन में बताया गया है कि राज्य सरकार द्वारा राजस्थान में लागू बोनस योजना के समय पंजाब एवं हरियाणा से गेहूं की आवक को रोकने के लिए समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करने, गिरदावरी एवं जन आधार कार्ड अनिवार्यता की शर्त लगाई गई थी, परंतु अब गेहूं खरीद पर सरकार द्वारा बोनस नहीं दिया जा रहा है, इसलिए राजस्थान के सीमावर्ती राज्यों हरियाणा, पंजाब से गेहूं यहां आने की कोई संभावना नहीं है। सरकार गेहूं खरीदना चाहती हैं परंतु इतनी अधिक दस्तावेजी औपचारिकता जनाधार, ऑनलाइन पंजीकरण एवं गिरदावरी की अनिवार्यता वर्तमान समय में किसान पूरी नहीं कर सकता है । औपचारिकता पूर्ण करने के बाद भी गेहूं एक दिन में नहीं बेची जा सकती है। अगर दूसरे या तीसरे दिन किसान को दोबारा गेहूं लानी पड़े तो फिर वही प्रक्रिया दोबारा पूरी करनी पड़ेगी। संभावना यह भी है कि उस जन आधार कार्ड पर किसान दोबारा गेहूं विक्रय भी नहीं कर सकता है, इस दस्तावेजी अनिवार्यता की दुविधा से बचने के लिए किसान को अपनी गेहूं 50 से 100 रुपए प्रति क्विंटल मंदे में ही गेहू बेचना चाहेगा और सरकार द्वारा दिए जा रहे एमएसपी मूल्य का लाभ से वन्चित रह जाएगा, बारिश प्रभावित 100 न लस्टर लॉस (चमक हीन) की छूट दिए जाने, वर्तमान समय में -2- किसानों पर मौसम की बेमौसमी बरसात से भारी मार झेलनी पड़ रही है जिससे भी आर्थिक नुक्सान का सामना करना पड़ रहा है। कृषि जींस बारिश से प्रभावित हुई है, बारिश की वजह से गेहूं की चमक में भी कमी आयी है जिसके कारण किसान परेशान है और सरकार के द्वारा लागु दस्तावेजी अनिवार्यताओं के चलते तथा धमक हीन 100% गेहूं जिसे सरकार द्वारा एफसीआई के किसान अपने गेहूं की फसल राजस्थान राज्य से पड़ौसी राज्यों जिनमें उक्त दस्तावेजी अनिवार्यता लागू नही है, में ले जाने को विवश होगा जिससे राज्य को राजस्व की द्वारा खरीद नही किया जा रहा है जिससे आर्थिक हानि होगी और राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं एपीएल, बीपीएल इत्यादि में गेहूं वितरण के लिए अन्य राज्यों से अतिरिक्त धनराशी खर्च कर मंगवाना पड़ेगा। हनुमानगढ़ जिले के व्यापारी जो नियत समय पर अपना टैक्स भरते है जिससे राज्य सरकार द्वारा विभिन्न जनकल्याण के लिए योजनाओं निशुल्क चिकित्सा सेवा, बिजली- पानी, सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर इत्यादि का किसान अनावश्यक दस्तावेजी अनिवार्यताओ के चलते परेशान है।

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