तेरी गोद में आयो नंदलाल, बधाई दे दे रे माई.. भजन पर झुम उठे श्रद्धालु

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श्रीगंगानगर, 4 अप्रैल। तेरी गोद में आयो नंदलाल, बधाई दे दे रे माई.., आयो-आयो नंद को लाल.., नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की.., भये प्रगट कृपाला.. आदि भजनों पर पंडाल में उपस्थित सभी श्रद्धालु झुम उठे। मौका का श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का, जो सुखाडिय़ा सर्किल के नजदीक स्थित चितलांगिया भवन में चल रही सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में आज मनाया बड़ी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कथा की शुरूआत भागवत पूजन एवं मंगल आरती के साथ हुई, जिसमें कथा के यजमान उदयचंद अग्रवाल, राजकुमार जैन, विजय गोयल, सौरभ जैन, उर्मिला तापडिय़ा, एड. नरेश गुप्ता, पं. हरलाल जोशी, पं. ललित शर्मा, शर्मिला अग्रवाल, नुपुर अग्रवाल, नवीन अग्रवाल, डॉ. कुसुम जैन, सुरूचि अग्रवाल आदि उपस्थित रहे। आज चौथे दिवस की कथा कहते हुए कथा व्यास गुरूमां चैतन्य मीरा ने कहा कि रटा रटाया बोलने से जीवन का सच पकड़ में नहीं आता। हमने सभी ग्रंथों को, वेदों पुराणों आदि को रट लिया परंतु परमात्मा पकड़ ने नहीं आये। परमात्मा को पाने के लिए ग्रंथों और वेद पुराणों को रटे नहीं बल्कि उन्हें जानना होगा, उनमें डूबना होगा, भागवत रस पान करना होगा। उन्होंने कहा कि हमें भगवान के निर्णय पर संदेह नहीं करना चाहिए क्योंकि भगवान कभी पक्षपात नहीं करते। भगवान ने हमें अमीर-गरीब, सुखी-दुखी, अच्छा- बुरा नहीं बनाया, ये हमने स्वयं चुनाव किया है। भगवान हमें रोजाना चुनाव करने का अवसर देते है किसी रोते को हमारे सामने भेज कर, किसी जरूरतमंद को हमारे पास भेज कर, भागवत कथाओं आदि का निमंत्रण भेज कर परंतु हम स्वयं चुनाव करते है कि हमें क्या करना है, तो फिर भगवान को हमारे कर्मों के लिए जिम्मेवार ठहराना ठीक नहीं है। कथा के दौरान उन्होंने राधे तेरे चरणों की गर धूल जो मिल जाये, सच कहता हुं प्यारे तकदीर ही बदल जाये.. भजन गाया, जिसपर सारा वातावरण भावविभोर हो गया। आज कथा में गजेन्द्र मोक्ष, वामन अवरण एवं श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के प्रसंग सुनाये गये। कथा का समय दोपहर 2.30 बजे का है। सौरभ जैन ने बताया कि प्रात: 6 से 7 बजे तक रोजाना पंच तत्व योग साधना शीविर भी चितलांगिया भवन में गुरूमां चैतन्य मीरा के सान्निध्य में चल रहा है। कथा का समापन 14 अप्रैल को होग

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