बाबू राहुल ने घूंस के लिए एक हजार,
तहसीलदार ने वापस करा मंगाई माफी
धौलपुर। जिले में घूंस का खुला खेल चल रहा है। जैसा काम, वैसे दाम। इस खेल में ई-मित्र संचालक भी शामिल हैं। मंगलवार को सैंपऊ तहसील परिसर में अनुकंपा नियुक्ति पर लगे बाबू राहुल ने एक आवेदक विजयपाल सिंह से मूल निवास प्रमाण पत्र बनाने की एवज में एक हजार रुपए की घूंस ली। शिकायत उपखंड अधिकारी रेखा मीणा से की तो चर्चा का विषय बन गया। तहसीलदार देवेन्द्ग मिश्रा ने हवन करते हाथ न जले तहसील परिसर में ही बाबू राहुल को बुला आवेदक को एक हजार रुपए वापस दिलाते हुए माफी मंगाई।
बता दें कि सोमवार को सहरौली के विजयपाल सिंह ने अपने पुत्र आकाश का मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सैंपऊ तहसील में आवेदन किया था। तहसील में घूम रहे दलालों ने बताया कि कर्मचारी हउèताल पर हैं। मूल निवास के लिए हड़ताल समाप्त होने तक इंतजार करना होगा, हड़ताल अनिश्चित है। दलालों ने बताया कि प्रमाण पत्र जल्दी चाहिए तो बाबू राहुल से संपर्क कीजिए। बाबू से संपर्क करने पर बताया कि एक दिन में मूल निवास बनाकर दे देंगे उसके बदले एक हजार रुपए देने होंगे।
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काम के हिसाब से दाम
आवेदक ने बाबू राहुल को बतौर एक हजार रुपए की घूंस दे दी। बाबू ने कहा काम के हिसाब से दाम लगते हैं, जो ऊपर तक देने होते हैं। आवेदक ने जैसे ही बाबू राहुल को एक हजार रुपए दिए, वहां खड़े पत्रकारों ने देख लिया। बाद में पत्रकारों ने पूरी जानकारी हासिल कर उपखंड अधिकारी रेखा मीणा से बात की तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। तदुपरांत तहसीलदार देवेन्द्ग मिश्रा से बात की तो उन्होंने भी कोई जवाब नहीं दिया। मंगलवार को कई पत्रकार आवेदक को साथ लेकर तहसील पहुंचे तो तहसीलदार ने मामला बढ़ता देख बाबू राहुल को बुलाकर आवेदक को एक हजार रुपए वापस दिला दिए और माफी मंगाते कहा कि बाबू मारा जाएगा, यह पहले से ही मरा हुआ है। तहसीलदार ने तुरंत मूल निवास प्रमाण पत्र जारी कर आवेदक के हाथ में थमा दिया। आवेदक का कहना है कि घूंस का पैसा ऊपर तक पहुंचता है, यह बात बाबू ने स्वीकार की है। देखना है कि राज्य सरकार और जिला कलक्टर तहसीलदार के खिलाफ क्या कार्रवाई करते हैं?