
एक तरफ पानी का कहर वहीं राजस्थान मे किसान सिंचाई पानी के लिए लगा रहा गुहार
राजस्थान के पड़ोसी राज्य पंजाब एवं हरियाणा के कुछ हिस्सों में लगातार भारी बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति बनी हुई है सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए अनगिनत लोग घर से बेघर हो गए बढ़ते जलस्तर से लोगों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ा बावजूद इसके कुदरती कहर कम नहीं हुआ भारी बारिश पंजाब के लिए आफत बनकर आई है वहीं दूसरी ओर गग्गर में लगातार बढ़ते जलस्तर ने भी पंजाब हरियाणा सहित राजस्थान के अधिकारियों की नींद उड़ा रखी है एक तरफ भारी जल राशि जिसके चलते लोग परेशानियों का सामना कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर सूखे की वजह से पानी की मांग करने वाले लोग बिना पानी के परेशानियों का सामना कर रहे हैं बात है राजस्थान की जहां इन दिनों इंदिरा गांधी नहर की बंदी चल रही है जिसके कारण कारण क्षेत्र की फसलें भीषण गर्मी के कारण झुलसने लग गई जिस कारण किसानों की चिंता बढ़ने लगी किसानों में अनेक पार्टियों के साथ मिलकर अनेकों बार प्रशासन को इस स्थिति से अवगत करवाया परंतु प्रशासनिक अधिकारियों मैं इस ओर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जिसके चलते फसलें खराब होने की कगार तक पहुंच गई वहीं दूसरी ओर किसान नेताओं ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को जल्द से जल्द आईजीएनपी में पानी छोड़ने का आग्रह किया परंतु सिंचाई विभाग द्वारा सिंचाई पानी लेने के लिए कोई भी कार्यवाही नहीं की गई क्षेत्र के किसान अपनी फसल को बचाने के लिए अनेकों बार प्रशासनिक अधिकारियों के सामने रोया गिड़गिड़ा या परंतु बावजूद इसके सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया आखिरकार मजबूर किसानों ने उपखंड कार्यालय के आगे धरना लगाया क्षेत्र में किसानों की मांग को जायज बताते हुए अनूपगढ़ घड़साना और रावला की मंडियों ने स्वैच्छिक बंद का ऐलान किया और किसानों ने मिलजुल कर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले घड़साना उपखंड कार्यालय को घेर कर उसकी तालाबंदी कर दी शाम तक प्रशासनिक अधिकारी तालाबंदी में रहे और प्रशासन हरकत में आया और किसानों से वार्ता की वार्ता के बाद किसानों को पर्याप्त सिंचाई पानी उपलब्ध करवाने की बात कही गई परंतु अभी तक किसानों को पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं हुआ वही धरने पर बैठे किसान नेता राजू जाट ने कहा की राजस्थान की सरकार या तो किसानों को पूरा पानी उपलब्ध करवाएं या फिर किसानों पर गोलियां चलवा दे इस दौरान कामरेड शोभा सिंह ढिल्लों ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि अगर हमें क्षेत्र को बचाना है तो एकजुट होकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना होगा अगर हम अपनी शक्ति का प्रदर्शन नहीं करेंगे तो आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में केवल पेयजल ही रहेगा सिंचाई पानी नहीं रहेगा किशन दुग्गल, शोभा सिंह ढिल्लों , श्योपतराम, शिमला बावरी, ओम यादव ,कुलदीप बुट्टर, सत्य प्रकाश सिहाग, देव ढूंढाडा ,, अमृत कौर बार संघ घड़साना सहित अनेकों नेताओं ने धरने पर बैठकर धरने को समर्थन दिया