श्रीगंगानगर, 1 अप्रैल 2023: महात्मा गाँधी राजकीय विद्यालय नं. 5, पुलिस लाईन, श्रीगंगानगर द्वारा शनिवार को ‘नो बैग डे’ एक्टिविटी के तहत ‘राजस्थान को पहचाना’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बलजीत सिंह राणा व मनीराम सेतिया, अध्यक्षता रामदास बंसल, विशिष्ट अतिथि विनोद सेठी, जगीरचंंद फरमा, हरपाल सिंह, मदनलाल अरोड़ा, श्रीमती सरोज, श्रीमती प्रियंका व इन्दुभूषण चावला थे। कार्यक्रम संयोजक प्रधानाचार्य रिम्पा तलवार थी तथा मंच संचालन मणीभद्र एवं पूजा लड्ढा द्वारा किया गया। सराहनीय सहयोग विद्यालय स्टाफ, एसएमसी सदस्यों एवं अभिभावकगण का रहा। कार्यक्रम में हिन्दी प्रचार समिति श्रीगंगानगर एवं लॉयन्स क्लब श्रीगंगानगर विकास के संयुक्त तत्वाधान में पुस्तकालय हेतु पुस्तकें व हिन्दी-अंग्रेजी शब्दकोष भेंट किया गया। भामाशाह देवराज बजाज द्वारा गर्मी में शीतल हवा के लिए एक पंखा, श्रीमती प्रेम मदान, गगन मदान, तरूण मदान द्वारा जरूरतमद विद्यार्थियों को स्टेशनरी भेंट की गई। श्रीमती प्रियंका द्वारा पुस्तकालय हेतु अलमारी प्रदान की गई तथा श्रीमती सरोज द्वारा विद्यार्थियों के चारित्रिक विकास के लिए धार्मिक पुस्तकें भेंट की गई। बाल वाटिका के सौंदर्यीकरण हेतु भामाशाह रामदास बंसल ने आर्थिक सहयोग प्रदान करने की घोषणा की एवं भामाशाह इंजी. बलजीत सिंह राणा ने विद्यालय को अलमारी प्रदान करने की घोषणा की गई। कार्यक्रम में हिन्दी प्रचार समिति के पदाधिकारियों सहित समस्त अतिथियों तथा भामाशाहों को सम्मान प्रतीक देकर सम्मानित किया गया।
प्रधानाचार्य एवं कार्यक्रम संयोजक श्रीमती रिम्पा तलवार ने सर्वप्रथम समस्त अतिथियों का विद्यालय परिवार की ओर से अभिनंदन किया तथा ‘नो बैग एक्टिविटी’ के तहत ‘राजस्थान को पहचानों’ कार्यक्रम में हिन्दी प्रचार समिति के तत्वाधान में पुस्तकालय में पुस्तकें भेंट करने, श्रीमती सरोज द्वारा धार्मिक पुस्तकें भेंट करने, लॉयन विनोद सेठी द्वारा विद्यालय के बच्चों के लिए शब्दकोश भेंट करने, श्रीमती प्रेम मदान, गगन मदान व तरूण मदान द्वारा जरूरतमंद बच्चों को स्टेशनरी वितरित करने, देवराज बजाज द्वारा विद्यालय को पंखा भेंट करने, रामदास बंसल द्वारा बाल वाटिका हेतु आर्थिक सहयोग देने की घोषणा करने एवं भामाशाह इंजी. बलजीत सिंह राणा द्वारा अलमारी प्रदान करने की घोषणा करने पर आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में इंजी. बलराज सिंह राणा ने प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को मेडल पहनाकर सम्मानित किया तथा विद्यार्थियों को प्रतिदिन नियमित रूप से अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि कड़़ी मेहनत व अनुशासन तथा विषयवस्तु को दोहराने से मेरिट में स्थान प्राप्त कर सकते हैं। विवेकानंद की प्रेरणादायक पंक्तियों को दोहराया व प्रेरित किया कि लक्ष्य प्राप्ति तक निरन्तर मेहनत करते रहें। रामदास बंसल ने बाल वाटिका की शिक्षण विधियों की मुक्तकंठ से सराहना की। मनीराम सेतिया ने महापुरुषों की गौरव गाथाओं पर प्रकाश डाला तथा महाराणा प्रताप पर कविता ‘नीले घोड़े र असवार, म्हारा मेवाड़ी सरदार’ सुनाकर विद्यार्थियों में नये जोश व उत्साह का संचार किया। उन्होंने राजस्थान के गौरवपूर्ण इतिहास की जानकारी दी।
जगीरचंद फरमा ने पुस्तकों के महत्व पर प्रकाश डाला। शिक्षा के साथ सह शैक्षिक गतिविधियों, प्रार्थना मंच, बाल सभा, उत्सवों-पर्वों के आयोजन से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास सम्भव है तथा उनकी भागीदारी बढ़़ाकर हम शिक्षा के प्रति उनकी रूचि बढ़ा सकते हैं। इसके साथ-साथ इन कार्यक्रमों से उन्हें राजस्थान, भारत व विश्व की नवीनतम समसामयिक गतिविधियों, राजस्थान के गौरवपूर्ण इतिहास की भी जानकारी मिलती है एवं खेलकूद व अन्य गतिविधियों में भी भाग लेने की प्रेरणा मिलती है। अपने मन, वचन, कर्म से बालक-बालिकाओं का उत्साहवर्धन करते रहें। इससे विद्यालय के क्रीड़ा स्थल भी जीवंत हो उठते हैं। प्रतिदिन बाल सभा में भाग लेने, फुटबॉल आदि खेल खेलने से बालकों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित होती है। बालसभा में हमें आयोजन स्थल की साफ-सफाई, पानी का छिडक़ाव, स्टाफ व अभिभावकों के लिए कुर्सियां लगाना, अपनी देखरेख में बच्चों से घुल-मिलकर कार्य करवाने से बाल सभा के आयोजन का उद्देश्य सार्थक होता है।
हरपाल सिंह सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य ने कहा कि ‘नो बैग दिवस’ पर गणित सम्बन्धी रोचक मॉडल व चार्ट बनाकर बच्चों की प्रतिभा निखार सकते हैं तथा विद्यार्थी की रूचि बढ़ाने से वह प्रत्येक क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकता है। साहित्यकार मदनलाल अरोड़ा ने बच्चों में साहित्य के प्रति रूचि पैदा करने हेतु लघु कहानियां लिखने एवं पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया। पेड़-पौधे लगाने व उनकी नियमित देखभाल के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया तथा कहा कि हरा-भरा स्वच्छ वातावरण एक नई ऊर्जा का संचार करता है।
इस मौके पर विद्यार्थियों से गीत गायन के बाद बच्चों से ‘राजस्थान को पहचानो’ के तहत सवाल किए गए कि आपने मेवाड़़ का नाम सुना है, मेवाड़़ राजस्थान किस भू भाग को कहा जाता है, मेवाड़ के गौरव के रूप में कौन पहचाने जाते हैं, महाराणा प्रताप कौन थे, महाराणा प्रताप ने ऐसा क्या कार्य किया जिस कारण आज उन्हें सच्चे देशभक्त के रूप में जाना जाता है तथा इन सवालों पर शिक्षकों ने विस्तार से बच्चों के साथ चर्चा की। बच्चों को महाराणा प्रताप कहानी पुस्तक का एक-एक पेज पढक़र सुनाया गया व चित्र दिखाए गए। इसके साथ-साथ ‘स्याणा’ पुस्तक में लिखी कहानी को भी शिक्षक द्वारा हाव-भाव के साथ-साथ सुनाया गया व चित्र दिखाए गए। पालतू जानवरों से जुड़े अनुभव भी बच्चों के साथ सांझा किए गए। बच्चों को पुस्तकालय में उपलब्ध देशभक्त महापुरुषें की पुस्तकें पढऩे के लिए भी प्रेरित किया गया। इस अवसर पर विद्यालय स्टाफ, छात्र-छात्रायें, एसएमसी, एसडीएमसी सदस्यगण तथा अनेक गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
