जिला बनाने की मांग दिन प्रतिदिन हो रही है तेज नहीं जायेगे अनपूगढ के साथ, चाहे करना पड़े आन्दोलन

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खाजूवाला 2 अप्रेल (मदन अरोड़ा)। अन्तर्राष्ट्रीय भारत-पाक बॉर्डर की सीमावर्ती मण्डी खाजूवाला समस्त तरह के मापदण्ड पूर्ण करती है जिससे कि खाजूवाला को जिला बनाया जा सके। अब मण्डीवासी एक ही पटल आ चुके हैं और एक ही आवाज है कि सीमावर्ती क्षेत्र की मण्डी खाजूवाला को जिले का दर्जा मिले। खाजूवाला विधान सभा मुख्यालय के साथ-साथ समस्त तरह के विभागों से सुशोभित है। सिंचाई विभाग, विद्युत विभाग, परिवहन विभाग, पंचायतीराज विभाग, चिकित्सा विभाग, प्रशासनिक अधिकारी, न्यायिक अधिकारी समस्त उच्च स्तर के अधिकारी खाजूवाला विधान सभा मुख्यालय पर बैठते हैं, ऐसे में खाजूवाला को जिला बनाना उचित है। खाजूवाला क्षेत्र कृषि प्रधान क्षेत्र होने के साथ-साथ यहां पर जिप्सम के भरपूर भण्डार भी हैं वहीं सीमा सुरक्षा बल का मुख्यालय आदि होने के कारण खाजूवाला को जिला बनाया जाता है तो दूरस्थ ग्रामीण आंचल के भाग भी खुल जायेंगे। खाजूवाला उपखण्ड मुख्यालय से दूरस्थ क्षेत्र आनंदगढ, बल्लर, बीडी आदि क्षेत्र जब जिला मुख्यालय के क्षेत्र में आयेगा तो जमीन और मकानों की कीमत में भी बढ़ोत्तरी होगी।

अब खाजूवाला के आमजन की आवाज है कि खाजूवाला बीकानेर जिले में रहेगा तो ही आगामी समय में खाजूवाला जिला बनने की दौड़ में जिन्दा रहेगा और अब आम आवाम की एक ही आवाज है कि खाजूवाला को जिला बनाया जाये। सोशल मीडिया पर अक्सर अनूपगढ में न जाने का सिलसिला जारी रहने के बाद अब खाजूवाला की जनता की एक ही आवाज है कि खाजूवाला को ही जिला बना दिया जाये जिससे दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र का अच्छा विकास होगा। वर्तमान में खाजूवाला बीकानेर जिले में है तो खाजूवाला, छत्तरगढ, पूगल तथा दंतौर क्षेत्र के किसानों, मजदूरों तथा भूमिहीनों को अराजीराज भूमि यहां के स्थानीय लोगोें की प्रथम प्राथमिकता कायम रहेगी। बीकानेर जिले में रहते हुए राज्य एवं केन्द्र सरकार की समस्त योजनाओं बीएडीपी सहित निरंतर क्षेत्र का विकास जिसमें समस्त ग्राम पंचायत, नगरपालिका क्षेत्र आदि। अनूपगढ उपखण्ड क्षेत्र से खाजूवाला उपखण्ड क्षेत्र का क्षेत्रफल तीन गुना बड़ा है। अनूपगढ क्षेत्र में 600 क्युसैक पानी से सिंचाई होती है वहीं खाजूवाला क्षेत्र में 1700 क्युसैक पानी से भूमि सिंचित होती है। खाजूवाला उपखण्ड क्षेत्र को सॉलर का हब बनाया जा सकता है जिससे खाजूवाला का किसान स्वयं बिजली का उत्पादन कर स्वयं के उपयोग के बाद विद्युत निगम को भी दे सकता है। खाजूवाला क्षेत्र की जनता की दूरदर्शी सोच के अनुसार खाजूवाला को जिला बनाने की महत्ति आवश्यकता है। उपखण्ड खाजूवाला में रहने वालों की संख्या बीकानेर जिले की रेशों के अनुपात में 65-35 या 70-30 के लगभग है। अनूपगढ जिले में खाजूवाला को मिलाने पर सामाजिक मजबूत ढांचा भी छिन-भिन्न हो जायेगा जिससे रीति-रिवाज, परम्परा, पहनावा, भाषा आदि पर प्रभाव पड़ेगा। जिला प्रशासन और सरकार को लगातार ज्ञापन देने का सिलसिला जारी है, सभी की एक ही मांग है कि खाजूवाला को जिला बनाया जावे जिससे कि क्षेत्र का चहुंमुखी विकास हो सके। खाजूवाला को जिला बनाने की मांग दिन-प्रतिदिन तेज होती जा रही है और आमजन आन्दोलन की रुप रेखा भी बनाने लग गये हैं। खाजूवाला जिला संघर्ष समिति अध्यक्ष महावीर सोनी तथा समिति के पदाधिकारियों का एक ही स्वर है कि अनूपगढ में शामिल नहीं होंगे, चाहे इसके लिए आन्दोलन, आमरण अनशन, धरना, प्रदर्शन, घेराव चाहे कुछ भी करना पड़े, हम सब तैयार हैं और खाजूवाला क्षेत्र की जनता ने मानस बना लिया है।

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