
जमीन से हॉस्पिटल और अब आसमान तक आमरण अनशन आंदोलन हुआ तेज, सूरतगढ़ को भी जिला बनाओ।
30 घंटे बाद सात युवा छात्र नेता पुराने हाउसिंग बोर्ड स्थित जलदाय विभाग की टंकी से अश्वासान मिलने पर उतरे
तेज हवाऐं व बूँदाबाँदी से मौसम ख़राब, अनशनकारी डटे रहे, खुले आसमान में गुजारी रात
सूरतगढ़ थर्मल,(सोनियां मेघवाल)। सूरतगढ़ को जिला न बनाने से सरकार के प्रति विरोध हुआ तेज, सूरतगढ़ को जिला बनाने के समर्थन में कर रहे हैं नारेबाजी, मौके पर पुलिस, प्रशासन व लोगों का हुजूम उमड़ा।
टंकी पर चढ़े युवाओं का कहना-‘सरकार सूरतगढ़ को जिला घोषित नहीं करती है तो हम देंगे कुर्बानी’
पुलिस कर रही युवाओं को समझाइश का प्रयास,
उधर तेरह दिनों से आमरण अनशन पर बैठी पूजा भारती छाबड़ा की तबीयत गिरने के बावजूद पीबीएम हॉस्पिटल बीकानेर से भी कर रही पुकार-सूरतगढ़ को जिला बनाओ, एक अन्य अनशनकारी उमेश मुद्गल की भी तबीयत नासाज, ट्रॉमा सेंटर में है भर्ती,
प्रशासन के फूले हाथ-पांव
जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है!
अपेक्स मीटिंग हॉल में शनिवार को जिला बनाओ संघर्ष समिति की स्टेयरिंग कमेटी की बैठक में प्रेस क्लब की ओर से सूरतगढ़ के सभी नेताओं को मर्यादित ढंग से समझाने की कोशिश की थी। उस चेतना का असर यह हुआ कि शाम होते होते आंदोलन का स्वरूप ही बदल गया। कुछ युवा और जुझारू लोग पुराने हाउसिंग बोर्ड की टंकी पर जा चढ़े और आसमान से गर्जे सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग का नारा बुलंद किया।
प्रशासन और पुलिस इस घटनाक्रम से एक बार तो सकते में आ गए। आनन-फानन में फायर ब्रिगेड की गाड़ी, एंबुलेंस, नागरिक सुरक्षा के सेवा कर्मी, पुलिस जाब्ता सभी चुस्त-दुरुस्त होकर घटनास्थल पर पहुंच गए। टंकी पर छात्र नेता रामू छिंपा, टिब्बा क्षेत्र के जुझारू नौजवान राकेश बिश्नोई, शक्ति सिंह भाटी, सुमित चौधरी अशोक कड़वासरा, अजय सारण, कमल रेगर 100 फुट ऊंची टंकी पर चढे नारे बुलंद कर रहे थे। इन युवाओं के इस कदम ने आंदोलन को एक नया रूप दिया है।
देखते ही देखते वार्ड नंबर 25-26 सूरतगढ़ जिला बनाओ आंदोलन का एक नया केंद्र बन गया। जहां भीड़ जुटने लगी, वार्ड के लोगों ने आंदोलनकारियों के लिए चाय नाश्ते की व्यवस्था की, रात को इंद्र भगवान ने भी अपने रंग दिखाए, तेज बारिश के साथ सर्द हवाएं भी चली लेकिन नौजवानों ने इस ख़राब मौसम में भी कठिनाइयों भरे हालात में होंसला नहीं खोया, रात भर खुले आसमान में डटे रहे।
सूरतगढ़ को जिला बनाने के आंदोलन में गर्मी ला दी है।
इस आंदोलन में अब 4 केंद्र बन चुके हैं।
पीबीएम अस्पताल बीकानेर में पूजा भारती छाबड़ा लगातार 13वें दिन आमरण अनशन पर है। सूरतगढ़ के ट्रॉमा सेंटर में जुझारू उमेश मुद्गल की भूख हड़ताल दसवें दिन पहुंच गई है। सूरतगढ़ शहर के बीचों बीच हृदय स्थल के प्रताप चौक पर संघर्षशील नेता बलराम वर्मा ने कमाल संभाल रखी है। चौथा और मजबूत केंद्र खुले गगन के तले आसमान में नौजवानों ने बना दिया है। युवाओं की इच्छा शक्ति को देखते हुए लगता है कि आंदोलन का यह केंद्र आने वाले दिनों में और मजबूत होगा।
देखना यह है कि सूरतगढ़ में विधायक बनने का सपना देख रहे दूसरे नेता और अन्य जनप्रतिनिधि इस आंदोलन में अपनी कैसी भागीदारी निभाते हैं। इस यज्ञ में सभी जागरूक लोगों को अपना योगदान देने की जरूरत है। चुनावी साल में कांग्रेस सरकार जन भावनाओं को कितना महत्व देती है। उनका यह निर्णय आगामी सरकार बनाने में होगा। अशोक गहलोत लोकप्रिय और जन नेता के रूप में जाने जाते हैं, उन्हें सूरतगढ़ के मामले में संवेदनशील होकर निर्णय लेना चाहिए।
नौजवान साथी जो शहर के लिए जान देने को तैयार है
एक मातृशक्ति जो शहर को जिला बनाने के लिए अपनी जान देने के लिए तैयार हैं अस्पताल में
एक युवा जो सूरतगढ़ शहर को जिला बनाने के लिए अपनी जान देने के लिए तैयार है हॉस्पिटल में
एक राजनीतिक हस्ती जो सूरतगढ़ को जिला बनाने के लिए आमरण अनशन पर है
और इन सबके सामने है सूरतगढ़ की निर्मोही जनता।
जिले के लिए चौरफा किलाबंदी
एक पखवाड़े से जारी है जिले के लिए जोरदार आंदोलन कभी बाजार बंद, तो प्रशासन व हाईवे जाम लगातार 13 दिनों से जारी है मरणव्रत अब सात युवा पिछले 30 घंटों से डटे टंकी पर बरसात की परवाह किए बिना कर रहे जिले की मांग बुलंद।
जिंदा वही है , जिसमें प्यास जिंदा है । जिंदा वही है, जिसमें आस जिंदा है। सुलगती लकड़ी कोई जिंदगी नहीं, जिंदा वही है जिसमें विश्वास जिंदा है।। इसी जोश जज्बे और आत्मविश्वास के साथ सूरतगढ़ बनेगा जिला हमारा।।
पूर्व जिला प्रमुख एवं युवाओं के चहेते पृथ्वीराज मील की इंट्री से सूरतगढ़ को जिला बनाने के आंदोलन में नई जान आई है…
अब तक इस आंदोलन में मुख्य भूमिका शहर की थी लेकिन प्रमुख राजा के आने से अब गांवों के लोग भी इस आंदोलन में कूदने को तैयार है।
शनिवार शाम को सूरतगढ़ के पुराने हाउसिंग बोर्ड की टंकी पर चढ़े 7 छात्र नेताओं ने प्रमुख राजा से वादा किया है कि भाई साहब जब तक आप नहीं कहोगे और जब तक सूरतगढ़ जिला नहीं बन जाता तब तक हम टंकी से नहीं उतरेंगे।
रविवार से पूर्व जिला प्रमुख पृथ्वीराज मील सुरजनसर , भोपालपुरा, हिंजरासर , अरजुनोतपुरा ( पातलिया ), धोलिया डेर, गोविंद्सर , बख्तावरपूरा, सुखचैनपुरा , गुडली, रघुनाथपुरा , गोपालसर, लालगडिया , हरदासवाली, जानकीदास , संगीता, पदमपुरा और जैतसर से सटे गांवों के दौरे पर निकलेंगे एवंम किसानों जवानों से सूरतगढ़ को जिला बनाने के आंदोलन में सक्रिय भाग लेने के लिए करेंगे अपील।
पूर्व जिला प्रमुख की सक्रियता के बाद प्रशासन में मचा हड़कंप क्योंकि प्रमुख राजा के लिए क्षेत्र के लोगों में प्यार और समर्थन को देखते हुए प्रशासन को अंदेशा है कि अगर यह आंदोलन जनांदोलन बन गया तो जनता को संभालना प्रशासन के लिए मुश्किल हो जाएगा।
खैर देर आए दुरस्त आए लेकिन प्रमुख राजा के आने से सूरतगढ़ की निष्क्रिय राजनीति में अब उबाल आना स्वाभाविक है।
सूरतगढ़ को जिला बनाओ
पूजा भारती छाबड़ा सत्याग्रह के मार्ग पर 13वें दिन भी आमरण अनशन जारी, स्वास्थ्य में भारी गिरावट है। हौसले बुलंद है, और सत्याग्रह जारी है।
उर्मेश मुदगल का ट्रॉमा सेंटर सूरतगढ़ में 11वें दिन आमरण अनशन जारी
सूरतगढ़ जिला बनाओ संघर्ष समिति के उर्मेश मुदगल का ट्रॉमा सेंटर सूरतगढ़ में 11वें दिन आमरण अनशन जारी उनके स्वास्थ्य की कुशलक्षेम, एवं हौसला अफजाई करते हुए प्रबुद्धजन।
सूरतगढ़ को जिला बनाने के संबंध कार्यालय उपखंड अधिकारी सूरतगढ़ में 3 अप्रैल 2023. सोमवार को होगी, राज्य सरकार से वार्ता इस आसवासन के साथ सभी संघर्षशील युवा क्रान्तिकारी नेता जो लगातार पिछले 30 घंटे से संघर्ष कर रहे थे वो जलदाय विभाग की पानी की टंकी से नीचे उतरे।
सूरतगढ़ को जिला न बनाने का विरोध हुआ तेज, जिला बनाओ के समर्थन में आमरण अनशन अनवरत रूप से जारी, राज्य सरकार से वार्ता करवाने के आश्वासन पर टंकी से नीचे उतरे छात्र नेता, सोमवार को होगी वार्ता, वहीं पूजा छाबड़ा एवं अनशनकारियों के समर्थन में आदर्श कालोनी में निकाला गया केंडल मार्च, सूरतगढ़ को जिला बनाने के समर्थन में की आवाज बुलन्द।
30 घंटे बाद सात युवा छात्र नेता पुराने हाउसिंग बोर्ड स्थित जलदाय विभाग की टंकी से अश्वासान मिलने पर उतरे
तेज हवाऐं व बूँदाबाँदी से मौसम ख़राब, अनशनकारी डटे रहे, खुले आसमान में गुजारी रात
सूरतगढ़ थर्मल,(सोनियां मेघवाल)। सूरतगढ़ को जिला न बनाने से सरकार के प्रति विरोध हुआ तेज, सूरतगढ़ को जिला बनाने के समर्थन में कर रहे हैं नारेबाजी, मौके पर पुलिस, प्रशासन व लोगों का हुजूम उमड़ा।
टंकी पर चढ़े युवाओं का कहना-‘सरकार सूरतगढ़ को जिला घोषित नहीं करती है तो हम देंगे कुर्बानी’
पुलिस कर रही युवाओं को समझाइश का प्रयास,
उधर तेरह दिनों से आमरण अनशन पर बैठी पूजा भारती छाबड़ा की तबीयत गिरने के बावजूद पीबीएम हॉस्पिटल बीकानेर से भी कर रही पुकार-सूरतगढ़ को जिला बनाओ, एक अन्य अनशनकारी उमेश मुद्गल की भी तबीयत नासाज, ट्रॉमा सेंटर में है भर्ती,
प्रशासन के फूले हाथ-पांव
जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है!
अपेक्स मीटिंग हॉल में शनिवार को जिला बनाओ संघर्ष समिति की स्टेयरिंग कमेटी की बैठक में प्रेस क्लब की ओर से सूरतगढ़ के सभी नेताओं को मर्यादित ढंग से समझाने की कोशिश की थी। उस चेतना का असर यह हुआ कि शाम होते होते आंदोलन का स्वरूप ही बदल गया। कुछ युवा और जुझारू लोग पुराने हाउसिंग बोर्ड की टंकी पर जा चढ़े और आसमान से गर्जे सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग का नारा बुलंद किया।
प्रशासन और पुलिस इस घटनाक्रम से एक बार तो सकते में आ गए। आनन-फानन में फायर ब्रिगेड की गाड़ी, एंबुलेंस, नागरिक सुरक्षा के सेवा कर्मी, पुलिस जाब्ता सभी चुस्त-दुरुस्त होकर घटनास्थल पर पहुंच गए। टंकी पर छात्र नेता रामू छिंपा, टिब्बा क्षेत्र के जुझारू नौजवान राकेश बिश्नोई, शक्ति सिंह भाटी, सुमित चौधरी अशोक कड़वासरा, अजय सारण, कमल रेगर 100 फुट ऊंची टंकी पर चढे नारे बुलंद कर रहे थे। इन युवाओं के इस कदम ने आंदोलन को एक नया रूप दिया है।
देखते ही देखते वार्ड नंबर 25-26 सूरतगढ़ जिला बनाओ आंदोलन का एक नया केंद्र बन गया। जहां भीड़ जुटने लगी, वार्ड के लोगों ने आंदोलनकारियों के लिए चाय नाश्ते की व्यवस्था की, रात को इंद्र भगवान ने भी अपने रंग दिखाए, तेज बारिश के साथ सर्द हवाएं भी चली लेकिन नौजवानों ने इस ख़राब मौसम में भी कठिनाइयों भरे हालात में होंसला नहीं खोया, रात भर खुले आसमान में डटे रहे।
सूरतगढ़ को जिला बनाने के आंदोलन में गर्मी ला दी है।
इस आंदोलन में अब 4 केंद्र बन चुके हैं।
पीबीएम अस्पताल बीकानेर में पूजा भारती छाबड़ा लगातार 13वें दिन आमरण अनशन पर है। सूरतगढ़ के ट्रॉमा सेंटर में जुझारू उमेश मुद्गल की भूख हड़ताल दसवें दिन पहुंच गई है। सूरतगढ़ शहर के बीचों बीच हृदय स्थल के प्रताप चौक पर संघर्षशील नेता बलराम वर्मा ने कमाल संभाल रखी है। चौथा और मजबूत केंद्र खुले गगन के तले आसमान में नौजवानों ने बना दिया है। युवाओं की इच्छा शक्ति को देखते हुए लगता है कि आंदोलन का यह केंद्र आने वाले दिनों में और मजबूत होगा।
देखना यह है कि सूरतगढ़ में विधायक बनने का सपना देख रहे दूसरे नेता और अन्य जनप्रतिनिधि इस आंदोलन में अपनी कैसी भागीदारी निभाते हैं। इस यज्ञ में सभी जागरूक लोगों को अपना योगदान देने की जरूरत है। चुनावी साल में कांग्रेस सरकार जन भावनाओं को कितना महत्व देती है। उनका यह निर्णय आगामी सरकार बनाने में होगा। अशोक गहलोत लोकप्रिय और जन नेता के रूप में जाने जाते हैं, उन्हें सूरतगढ़ के मामले में संवेदनशील होकर निर्णय लेना चाहिए।
नौजवान साथी जो शहर के लिए जान देने को तैयार है
एक मातृशक्ति जो शहर को जिला बनाने के लिए अपनी जान देने के लिए तैयार हैं अस्पताल में
एक युवा जो सूरतगढ़ शहर को जिला बनाने के लिए अपनी जान देने के लिए तैयार है हॉस्पिटल में
एक राजनीतिक हस्ती जो सूरतगढ़ को जिला बनाने के लिए आमरण अनशन पर है
और इन सबके सामने है सूरतगढ़ की निर्मोही जनता।
जिले के लिए चौरफा किलाबंदी
एक पखवाड़े से जारी है जिले के लिए जोरदार आंदोलन कभी बाजार बंद, तो प्रशासन व हाईवे जाम लगातार 13 दिनों से जारी है मरणव्रत अब सात युवा पिछले 30 घंटों से डटे टंकी पर बरसात की परवाह किए बिना कर रहे जिले की मांग बुलंद।
जिंदा वही है , जिसमें प्यास जिंदा है । जिंदा वही है, जिसमें आस जिंदा है। सुलगती लकड़ी कोई जिंदगी नहीं, जिंदा वही है जिसमें विश्वास जिंदा है।। इसी जोश जज्बे और आत्मविश्वास के साथ सूरतगढ़ बनेगा जिला हमारा।।
पूर्व जिला प्रमुख एवं युवाओं के चहेते पृथ्वीराज मील की इंट्री से सूरतगढ़ को जिला बनाने के आंदोलन में नई जान आई है…
अब तक इस आंदोलन में मुख्य भूमिका शहर की थी लेकिन प्रमुख राजा के आने से अब गांवों के लोग भी इस आंदोलन में कूदने को तैयार है।
शनिवार शाम को सूरतगढ़ के पुराने हाउसिंग बोर्ड की टंकी पर चढ़े 7 छात्र नेताओं ने प्रमुख राजा से वादा किया है कि भाई साहब जब तक आप नहीं कहोगे और जब तक सूरतगढ़ जिला नहीं बन जाता तब तक हम टंकी से नहीं उतरेंगे।
रविवार से पूर्व जिला प्रमुख पृथ्वीराज मील सुरजनसर , भोपालपुरा, हिंजरासर , अरजुनोतपुरा ( पातलिया ), धोलिया डेर, गोविंद्सर , बख्तावरपूरा, सुखचैनपुरा , गुडली, रघुनाथपुरा , गोपालसर, लालगडिया , हरदासवाली, जानकीदास , संगीता, पदमपुरा और जैतसर से सटे गांवों के दौरे पर निकलेंगे एवंम किसानों जवानों से सूरतगढ़ को जिला बनाने के आंदोलन में सक्रिय भाग लेने के लिए करेंगे अपील।
पूर्व जिला प्रमुख की सक्रियता के बाद प्रशासन में मचा हड़कंप क्योंकि प्रमुख राजा के लिए क्षेत्र के लोगों में प्यार और समर्थन को देखते हुए प्रशासन को अंदेशा है कि अगर यह आंदोलन जनांदोलन बन गया तो जनता को संभालना प्रशासन के लिए मुश्किल हो जाएगा।
खैर देर आए दुरस्त आए लेकिन प्रमुख राजा के आने से सूरतगढ़ की निष्क्रिय राजनीति में अब उबाल आना स्वाभाविक है।
सूरतगढ़ को जिला बनाओ
पूजा भारती छाबड़ा सत्याग्रह के मार्ग पर 13वें दिन भी आमरण अनशन जारी, स्वास्थ्य में भारी गिरावट है। हौसले बुलंद है, और सत्याग्रह जारी है।
उर्मेश मुदगल का ट्रॉमा सेंटर सूरतगढ़ में 11वें दिन आमरण अनशन जारी
सूरतगढ़ जिला बनाओ संघर्ष समिति के उर्मेश मुदगल का ट्रॉमा सेंटर सूरतगढ़ में 11वें दिन आमरण अनशन जारी उनके स्वास्थ्य की कुशलक्षेम, एवं हौसला अफजाई करते हुए प्रबुद्धजन।
सूरतगढ़ को जिला बनाने के संबंध कार्यालय उपखंड अधिकारी सूरतगढ़ में 3 अप्रैल 2023. सोमवार को होगी, राज्य सरकार से वार्ता इस आसवासन के साथ सभी संघर्षशील युवा क्रान्तिकारी नेता जो लगातार पिछले 30 घंटे से संघर्ष कर रहे थे वो जलदाय विभाग की पानी की टंकी से नीचे उतरे।
सूरतगढ़ को जिला न बनाने का विरोध हुआ तेज, जिला बनाओ के समर्थन में आमरण अनशन अनवरत रूप से जारी, राज्य सरकार से वार्ता करवाने के आश्वासन पर टंकी से नीचे उतरे छात्र नेता, सोमवार को होगी वार्ता, वहीं पूजा छाबड़ा एवं अनशनकारियों के समर्थन में आदर्श कालोनी में निकाला गया केंडल मार्च, सूरतगढ़ को जिला बनाने के समर्थन में की आवाज बुलन्द।