*चित्रकारी में उभरता नाम है राम सूर्यवंशी*

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चित्रकला मानव इतिहास की जननी है।आदिमकाल से चली आ रही है,जैसे जैसे मानव सभ्यता ने तरक्की की ठीक वैसे ही चित्रकला भी फलती फूलती रही। 21वीं सदी तक आते आते चित्रकला अनेकानेक नामों से प्रचलित हुई – ललितकला, समसामयिक कला इत्यादि। युवा सामाजिक कार्यकर्ता शमशेर सिंह का कहना है कि जिला अनूपगढ़ विधानसभा क्षेत्र में बहुत सारे चित्रकारों के बीच में एक नाम उभरकर आता है,युवा चित्रकार, छायाकार, कार्टूनिस्ट,लेखक रामसूर्यवंशी का। जिन्होंने
सोशलमिडिया पर अनेकानेक चित्र,कार्टून, फोटोग्राफी, कविता,लेखन कला इत्यादि के माध्यम से संदेश प्रकट किया।
बहुत सारे पेंटिंग कंपीटिशन में भाग लिया,राष्ट्रीय स्तर पर पेंटिंग शीर्षक द लास्ट जर्नी (अंतिम यात्रा)पर प्रथम स्थान स्थान प्राप्त किया,राज्यस्तरीय फोटोग्राफी प्रतियोगिता हैपीनेस शीर्षक में प्रथम स्थान प्राप्त किया,जिला स्तरीय प्रतियोगिता में भी भाग लिया जो कि कल्पना,यथार्थवादी सोच के साथ जारी है।

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