इन पंचतत्वों में विद्याथियों का चरित्र निर्माण आवश्यक
नई शिक्षा नीति में चारित्रिक विकास की आधारशिला होगी मजबूत
– उपमुख्यमंत्री डाॅ. प्रेमचंद्र बैरवा
श्री खुशाल दास विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह
– उपमुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को किया प्रोत्साहित
हनुमानगढ़, 5 अक्टूबर। उपमुख्यमंत्री डाॅ. प्रेमचंद्र बैरवा ने कहा कि शिक्षा का अर्थ केवल पुस्तकों और परीक्षा तक सीमित नहीं है। यह वह दीप है, जो हमारे जीवन में ज्ञान व प्रकाश का संचार करता है। यह समाज के प्रति हमारे कर्तव्यों का बोध कराने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि देश के लोगों के जीवन को बदलना तभी संभव हो सकेगा, जब युवा अपनी जिम्मेदारी को नैतिकता एवं उच्च मानकों के साथ निर्वहन करेंगे।
डाॅ. बैरवा शनिवार को हनुमानगढ़ स्थित श्री खुशाल दास विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वर्तमान परिपेक्ष्य में बाबा साहब की ज्ञान संकल्पना बड़ी व्यापक और आदर्श हैं। उनके अनुसार विद्या, प्रज्ञा, करूणा, शील और मित्रता, इन पंचतत्वों से चरित्र निर्माण करना चाहिए। वे कहते थे कि विद्या के साथ शील भी चाहिए। ज्ञान तथा प्रज्ञा का सुचारू मेल भी चाहिए। ज्ञान का अर्थ प्रकाश है। इस प्रकाश को सामाजिक, आर्थिक, राजकीय क्रांति का आधार बनाना चाहिए।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षाा नीति के तहत बनने वाले पाठयक्रम विद्यार्थियों में ईमानदारी, जिम्मेदारी और सहानुभूति जैसे सकारात्मक मानवीय मूल्यों को स्थापित करते हुए उनके चारित्रिक विकास की आधारशिला के मजबूत स्तंभ होंगे। इसके तहत सामाजिक कौशल और नैतिक व्यवहार को बढ़ाया जाएगा। इसमें संघर्ष समाधान, संचार कौशल एवं अधिकार कर्तव्य जैसे वर्तमान विषयों को शामिल किया गया हैं। यह विद्यार्थियों में जिम्मेदारी की भावना को पैदा करता है, जिससे वे अपने समुदाय, समाज व राष्ट्र के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
डाॅ. बैरवा ने कहा कि नई शिक्षा नीति पांच स्तम्भों पर केंद्रित है। इसमें वहनीयता, अभिगम्यता, गुणवत्ता, न्याय परस्पता और जवाबदेही हैं। इसमें निरंतर सीखने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए समाज और अर्थव्यवस्था में ज्ञान की मांग के रूप में नागरिकों की जरूरत के अनुरूप तैयार किया गया है। इसके तहत नियमित आधार पर नए कौशल हासिल करने की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है। गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करना, सभी के लिए आजीवन सीखने के अवसर पैदा करना और शिक्षा से रोजगार को जोड़ना ही नई शिक्षा नीति का मुख्य उददेश्य है।
उपमुख्यमंत्री ने एसकेडी विश्वविद्यालय में कृषि क्षेत्र में विशेष अनुसंधान और नवाचारों के लिए सराहना कीं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय युवाओं के व्यक्त्वि निर्माण के केंद्र हैं। इसलिए निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ पारदर्शी रूप से शिक्षा प्रदान करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को सार्थक और जीवनोपयोगी शिक्षा देने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालयों की है। विद्यार्थी भी समाज एवं राष्ट्र के उन्नयन के लिए कार्य करें। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 25 से अधिक राज्य वितपोषित विश्वविद्यालय एवं 53 निजी विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं। इनके अलावा विश्वस्तरीय संस्थाएं भी प्रदेश में है।
इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण विभिन्न संकायों के विद्याथियों को स्वर्ण पदक और वाचस्पति की उपाधियां वितरित कीं। महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति प्रो. मनोज कुमार दीक्षित ने कहा कि भारत जिस पथ पर चला है, उसमें शिक्षा की गुणवत्ता बेहद जरूरी है। वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। वर्ष 2030 तक उच्च शिक्षा में राज्य को बेहतर बनाना राज्य सरकार का लक्ष्य है, इसमें हम सब मिलकर कार्य करेंगे। स्वामी केशवानंद कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति प्रो. अरुण कुमार ने कहा कि अब समय आ गया है जब हमें देश को विकसित बनाने के लिए शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर देना होगा। दीक्षांत समारोह में जो विद्यार्थी विद्या वाचस्पति उपाधि हासिल कर पाए हैं, उनसे समाज और देश को बड़ी उम्मीदें हैं।
इस अवसर पर माटी कला बोर्ड चेयरमैन श्री प्रहलाद टाक, पूर्व सांसद श्री निहालचंद मेघवाल, पैरा ओलंपिक कमेटी अध्यक्ष श्री देवेंद्र झांझड़िया, श्री कैलाश मेघवाल, पूर्व मंत्री श्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी, श्री दिलीप राणा ग्रेट खली, भादरा विधायक श्री संजीव बेनीवाल, हनुमानगढ़ विधायक श्री गणेश राज बंसल, संगरिया विधायक श्री अभिमन्यु पूनिया, पीलीबंगा विधायक श्री विनोद गोठवाल, पीलीबंगा पूर्व विधायक श्री धर्मेंद्र मोची, पूर्व विधायक श्रीमती द्रोपदी मेघवाल, नोहर पूर्व विधायक श्री अभिषेक मटोरिया, संगरिया पूर्व विधायक श्री गुरदीप शाहपीनी, नगरपरिषद चेयरमैन श्री सुमित रणवां, जनप्रतिनिधि श्री देवेंद्र पारीक, श्री शरणपाल, श्री अमित सहू, श्री गुरु गोबिंद सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट चेयरमैन श्री बाबूलाल जुनेजा, जनप्रतिनिधि श्री देवेंद्र अग्रवाल सहित शिक्षाविद उपस्थित थे।
जिले में दौरे पर उपमुख्यमंत्री ने हनुमानगढ़ जंक्शन तथा रावतसर श्री कैलाश मेघवाल के निवास स्थान पर स्नेह मिलन कार्यक्रम में भी शिरकत कीं।
