पल्लू (हनुमानगढ़)। आज समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पल्लू में मानस अभियान के अंतर्गत नशा मुक्ति अभियान के तहत एक विशेष कैम्प का आयोजन किया गया। इस क:म्प का उद्देश्य नशे से ग्रस्त लोगों को सहायता और मार्गदर्शन देना तथा नशा छोडऩे के लिए उन्हें प्रेरित करना था।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि कैम्प में जिला चिकित्सालय हनुमानगढ़ से आए मनोचिकित्सक डॉ. भालसिंह ने सेवाएं प्रदान कीं और नशा मुक्ति के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी। उनके साथ, पल्लू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी एवं सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ. जय प्रकाश ने भी अपने अनुभव और ज्ञान से मरीजों का मार्गदर्शन किया। जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ से श्रीमती अंजू बाला एवं त्रिलोकेश्वर शर्मा ने भी सक्रिय भूमिका निभाते हुए मरीजों को नशे से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया और उन्हें इस बुरी लत को छोडऩे के लिए प्रेरित किया।
डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि इस कैम्प का आयोजन न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराना था, बल्कि इसे सफल बनाने में समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पल्लू के सेक्टर हेल्थ सुपरवाइजर रोहिताश का योगदान भी महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने कैम्प में आवश्यक व्यवस्थाओं को संभालने के साथ-साथ नशे के प्रति लोगों को सचेत करने और इसके दुष्प्रभावों को समझाने के लिए प्रेरणादायक भाषण भी दिया। उनका प्रयास था कि अधिक से अधिक लोग इस अभियान से लाभान्वित हों और नशा छोडऩे के लिए प्रोत्साहित हों।
डॉ. शर्मा ने बताया कि कैम्प के दौरान कुल 41 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इनमें से 18 मरीजों ने नशा छोडऩे की इच्छा जताई, जो कि इस अभियान की एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इसके अलावा, 3 मरीजों ने इस कैम्प के माध्यम से नशा छोडऩे का संकल्प लिया, जो उनके बेहतर जीवन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। इन उपलब्धियों से न केवल मरीजों को बल्कि उनके परिवारों को भी राहत मिली है, और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आने की संभावना बढ़ गई है।
अभियान में महेंद्र कुमार, कान्हाराम और अजय सिंह का सहयोग भी महत्वपूर्ण रहा, जिन्होंने इस कैम्प को सफल बनाने में अपना योगदान दिया। इन सभी के प्रयासों से यह कैम्प नशा मुक्ति की दिशा में एक सफल कदम साबित हुआ और इससे जुड़े लोग आशा करते हैं कि इस तरह के अभियानों से समाज में नशा मुक्त वातावरण का निर्माण किया जा सकेगा। इस कैम्प के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि नशा छोडऩे के लिए इच्छाशक्ति और सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। यह कैम्प नशा छोडऩे के लिए संकल्प लेने वाले लोगों के लिए एक आशा की किरण साबित हुआ, और भविष्य में इस प्रकार के प्रयासों से समाज में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा रही है। इस अवसर पर खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी रावतसर डॉ. मनिंद्र सिंह ने भी कैम्प का जायजा लिया और अभियान की सराहना की।