नशा मुक्ति और मनोचिकित्सा केन्द्रों की नियमित जांच करें सुनिश्चित
जिला स्तरीय स्टेडिंग कमेटी की बैठक में जिला कलक्टर ने दिए सीमा क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने के निर्देश

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श्रीगंगानगर, 20 नवम्बर। नार्को कोर्डिनेशन सेंटर तंत्र की जिला स्तरीय स्टेडिंग कमेटी की बैठक बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला कलक्टर डॉ. मंजू की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान जिला कलक्टर ने कहा कि जिले में संचालित नशा मुक्ति और मनोचिकित्सा केन्द्रों का औचक निरीक्षण करते हुए रिकॉर्ड की जांच कर अनियमितता मिलने पर नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जाये।
बैठक में जिला कलक्टर ने कहा कि नशा मुक्ति केन्द्रों, मनोचिकित्सा केन्द्रों का नियमित रूप से निरीक्षण करते हुए उपलब्ध व्यवस्थाओं और रिकॉर्ड की जांच की जाये। यहां कार्यरत स्टाफ की डिग्री भी जांची जाये। औषधि नियंत्रक विभाग फार्मा एजेंसियों के साथ-साथ मेडिकल स्टोर्स का औचक निरीक्षण करते हुए सीसीटीवी कैमरों की उपलब्धता शत-प्रतिशत सुनिश्चित करे। इनकी रिकॉर्डिंग से फार्मासिस्ट की उपलब्धता की जांच कर अनियमितता मिलने पर संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाये।
जिला कलक्टर ने कहा कि बाहर से आने वाली दवाओं पर भी समुचित निगरानी रखी जाये। नशा मुक्ति केन्द्रों और जिला चिकित्सालय के नशा मुक्ति वार्ड में आने वाले रोगियों का फॉलोअप करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि मरीजों को दी जाने वाली दवा तथा काउंसलिंग का भी रिकॉर्ड संधारित किया जाये। जिले में आवश्यकता वाले स्थानों पर मेडिकल स्टोर्स संचालन के लिये औषधि विभाग को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि जहां आवश्यकता नहीं है, वहां मेडिकल स्टोर्स संचालित नहीं होने चाहिए।
सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन गतिविधियों और उनके माध्यम से होने वाली मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए पुलिस, बीएसएफ सहित समस्त एजेंसियों द्वारा नियमित रूप से निगरानी की जाये। जिले में नशे की रोकथाम के लिए मादक पदार्थों की तस्करी पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि पुलिस और बीएसएफ द्वारा चौकस रहकर नियमित निगरानी की जाए।
उन्होंने कहा कि सभी मिलकर नशा मुक्त गंगानगर अभियान के जरिये आमजन को नशा मुक्ति हेतु जागरूक करेंगे, तभी सार्थक परिणाम मिल सकेंगे। पुलिस, स्वास्थ्य, औषधि नियंत्रक तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की संयुक्त टीम की ओर से मेडिकल स्टोर्स, नशा मुक्ति केंद्रों और मनो चिकित्सा केंद्रों की औचक जांच की जाए तथा अनियमितता मिलने पर इन पर नियमानुसार कार्यवाही की जाये। समस्त मेडिकल स्टोर्स पर नशा मुक्ति पोस्टर और शपथ लेने के लिये क्यूआर कोड स्टीकर्स के साथ-साथ पुलिस हेल्पलाइन नंबर भी चस्पा किए जाएं ताकि नशा बेचने वालों की सूचना पुलिस को मिल सके।
  जिला पुलिस अधीक्षक श्री गौरव यादव ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र में मादक पदार्थों की तस्करी या संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिलने पर बीएसएफ, पुलिस को सूचना दी जाये ताकि इनके खिलाफ सख्त कार्यवाही सुनिश्चित हो सके। मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए पुलिस, बीएसएफ सहित समस्त एजेंसियों आपसी समन्वय से कार्य करें। उन्होंने नशा मुक्ति के लिये जनजागरूकता की आवश्यकता जताते हुए कहा कि सभी मिलकर सहयोग करेंगे तो नशे से जुड़ी गतिविधियों पर रोक लगाई जा सकती है। अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र में भारत माला सड़क की सुरक्षा हेतु नए पुलिस स्टेशन, सीसीटीवी कैमरे लगाने, बीट कांस्टेबल की सक्रियता बढ़ाने पर भी चर्चा हुई।
 इस अवसर पर एडीएम सतर्कता श्री नरेंद्र पाल सिंह, प्रशिक्षु आईएएस श्री रजत यादव, जिला आबकारी अधिकारी श्रीमती शिवा चौधरी, डॉ. गुंजन खुंगर, श्री विक्रम सिंह, श्रीमती अमृता सोनगरा, श्री सन्नीप्रताप त्रिपाठी, श्री अमरजीत सिंह लहर सहित अन्य मौजूद रहे। 

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