राजलदेसर। जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक दिवस आचार्य महाश्रमण की सुशिष्या शासन श्री साध्वी मानकुमारी के पावन सान्निध्य में तेरापंथ भवन के प्रांगण में आयोजित किया गया। साध्वीश्री ने नमस्कार महामंत्र के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया तत्पश्चात साध्वीश्री स्नेहप्रभा ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। विशाल जनमेदिनी को संबोधित करते हुए साध्वीश्री मानकुमारीजी ने कहा – 2622 वर्ष बाद भी भगवान महावीर की जयंती मनाते हैं क्योंकि महावीर ने युगीन समस्याओं का समाधान दिया। भगवान महावीर के मूलभूत सिद्धांत है सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह। अहिंसा के द्वारा चेतना का जागरण और अपरिग्रह के माध्यम से आकांक्षाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है। श्रावक महाव्रती नहीं बन सकते तो अणुव्रतों को अपनाकर आत्मिक विकास करें। इस अवसर पर ज्ञानशाला के बच्चों द्वारा कव्वाली की सुंदर प्रस्तुति दी गई। महारानी त्रिशला के चौदह स्वप्नों पर महिला मंडल एवं बच्चों द्वारा स्वप्न-दर्शन कार्यक्रम की रोचक प्रस्तुति दी गई जो श्रोताओं के आकर्षण का केंद्र बनी। इस अवसर पर साध्वीश्री कुशलप्रज्ञा , साध्वीश्री कीर्ति रेखा , सभा अध्यक्ष विमल सिंह दुधेड़िया, तेरापंथ युवक परिषद् अध्यक्ष मुकेश श्रीमाल एवं ज्ञानशाला प्रशिक्षिका ज्योति बरड़िया ने अपने विचारों की अभिव्यक्ति दी। इससे पूर्व श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा द्वारा प्रभातफेरी का आयोजन किया गया जिसमें सभा, महिला मंडल, युवक परिषद्, कन्या मंडल, किशोर मंडल, अणुव्रत समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों तथा ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने भाग लिया। प्रभात फेरी जयघोषों के साथ निकली जो शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए तेरापंथ भवन पहुॅंचकर सभा के रूप में विसर्जित हुई। पुलिस प्रशासन का सराहनीय योगदान रहा । कार्यक्रम में पुलिस अधिकारियों का सम्मान भी किया गया । ज्ञानशाला के बच्चों का उत्साहवर्धन किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वीश्री इंदुयशा द्वारा किया गया।
