भगवान महावीर के सत्य, अहिंसा के मार्ग पर चलने का दिया संदेश

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हनुमानगढ़। भगवान श्री महावीर की 2622वीं जयंती सकल जैन समाज की ओर से सोमवार को कल्याणक दिवस के रूप में मनाई गई। इस उपलक्ष्य में टाउन शहर में शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा बैंडबाजों की धुन के साथ शुरू हुई। शोभायात्रा पंजाबी मोहल्ला स्थित जैन दिगम्बर श्री शांतिनाथ भगवान मंदिर से शुरू हुई जो शहर के मुख्य-मुख्य मार्गांे से होते हुए गुजरी। शोभायात्रा के जरिए नागरिकों को भगवान महावीर के सत्य, अहिंसा के मार्ग पर चलने का संदेश दिया गया। तेरापंथ जैन भवन तक निकाली गई शोभायात्रा में जैन समाज के पुरुष-महिलाएं व बच्चे शामिल हुए। तेरापंथ जैन भवन में मुनि अमृतलाल का प्रवचन कार्यक्रम हुआ। इसके बाद महावीर जयंती के उपलक्ष्य में भटनेर दुर्ग में भी पूजा-अर्चना का कार्यक्रम हुआ। इस मौके पर डॉ. पारस जैन ने कहा कि तीर्थंकर महावीर स्वामी अहिंसा के अवतार थे। उनका जीवन त्याग और तपस्या से भरा था। भगवान महावीर का जन्म उसी युग में हुआ था जिसमें हिंसा, पशुबलि, जातिवाद बढ़ा था। उन्होंने दुनिया को सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया। दुनिया के सामने जैन धर्म के पंचशील सिद्धांतों की व्याख्या की जो अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अस्तेय और ब्रह्मचर्य हैं। महावीर स्वामी ने दुनिया को सही रास्ता दिखाया और अपनी शिक्षाओं और प्रवचनों के माध्यम से मार्गदर्शन किया। उन्होंने किसी के खिलाफ कठोर शब्द नहीं बोले और प्रदर्शनकारियों से कठोर बात नहीं की। इसके बारे में जागरूक होने के बाद लोगों ने इसका महत्व समझा और इसके भक्त बन गए। डॉ. पारस जैन ने यातायात शाखा के पास बने चौक को पूर्व में अहिंसा सर्किल घोषित कर अब निर्माण की स्वीकृति देने पर नगर परिषद सभापति गणेश राज बंसल का आभार व्यक्त किया। नगर परिषद की ओर से तीन माह के भीतर अहिंसा सर्किल का निर्माण किया जाएगा। 

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