रामदेवरा पीएचडी विभाग की अनदेखी के कारण कई बस्तियां गर्मी से पहले ही पानी से परेशान नजर आ रहे हैं यह परेशानी अभी से नहीं है क्योंकि यह समस्या लगातार वीएचडी के अधिकारी गहरी नींद में होने के कारण ग्रामीण परेशान हो रहे हैं मेघवाल बस्ती भील बस्ती सुथार बस्ती हरिजन बस्ती बेलदार बस्ती इन सभी में पानी की कोई नियमित सप्लाई नहीं होती है और नियमित सप्लाई के नाम पर एक घंटा पानी देते हैं और उनका प्रेशर बिल्कुल नहीं हो तो पानी की सप्लाई पूर्ण कैसे मानी जाए क्योंकि पानी की पाइप लाइन को हैंडल करने वाले कर्मचारी यहीं से परमानेंट हुए थे और यही से रिटायरमेंट भी होंगे इसलिए उन कर्मचारियों ने रामदेवरा की ऐसी व्यवस्था बना करके रखी है जो आने वाले अधिकारी को भी पता नहीं चलता है मजबूरन उन कर्मचारियों से ही मिलकर कोई व्यवस्था बना सकते हैं अन्यथा नहीं इसलिए कई बार इन बस्तियों के लोगों ने अधिकारियों जनप्रतिनिधियों को अवगत करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी मजबूरन पूनम के बाद इन बस्तियों के लोग सामूहिक पीएचडी कार्यालय में और निश्चित कालीन धरना देने की प्लान बना रहे हैं और यह प्लान कितना सफल होता है यह तो भविष्य के गर्भ ग्रह में ही छुपा है परंतु अब यह साबित हो गया है कि इन बस्तियों को यह कर्मचारी पानी नहीं पिलाना चाहते हैं मात्र खानापूर्ति की जा रही है जबकि इन बस्तियों के लोगों को मीठा पानी भी नसीब नहीं हो रहा है क्योंकि इन बस्तियों के नाम पर मीठा पानी पता नहीं कहां जा रहा है इसका भी सामूहिक हड़ताल में मुद्दा रखा जाएगा क्यों नहीं मिल रहा मीठा पानी और जो पानी आ रहा है वह कहां सप्लाई हो रहा है आखिर लोग परेशान होकर एक सामूहिक पूनम के दिन हड़ताल बाकी रह चुकी है सभी जनप्रतिनिधियों सभी प्रशासनिक अधिकारियों से निवेदन करने के बाद में भी पानी की सप्लाई में कोई सुधार नहीं हुआ। गांव की बस्तियों के लोग भी पानी के लिए तरसते रह जाते हैं तो फिर लोक देवता बाबा रामदेव जी के श्रद्धालुओं को आने वालों को मजबूरन ₹20 में 1 लीटर पानी खरीदना पड़ रहा है ऐसी दशा पीएचडी विभाग में बना कर रखी है क्योंकि सर्वजनिक पानी की टूटियां नहीं लगने के कारण यात्री पानी कहां से पिए इसलिए मजबूर होकर ₹20 लीटर यात्री पानी की बोतल से प्यास बुझा रहे हैं परंतु पीएचडी विभाग के अधिकारी नींद में ही कह रहे हैं कि पानी कि कोई दिक्कत नहीं है। और मीठे पानी के इन कर्मचारियों ने ऐसे कनेक्शन कर रखे हैं 2 इंची पाइप के जो 24 घंटे सप्लाई देते हैं जो सप्लाई मात्र सड़क पर पानी डालने के लिए चालू रहती हैं। परंतु पीएचडी विभाग के अधिकारियों को यह भी पता नहीं है कि ऐसे कितने कनेक्शन हैं जो सिर्फ पानी का सही उपयोग नहीं करते उन लोगों को कनेक्शन दे रखा है। अधिकारी उन लोगों के आगे मौन रहने का क्या कारण हो सकता है जबकि कई बस्तियों में तो मात्र पानी पहुंचता ही नहीं और सप्लाई बंद हो जाती है।
—-सुथार बस्ती में पाइप लाइन में एक लकेज हैं उनके कारण उनका मकान क्षतिग्रस्त होने के कगार पर हैं पीएचडी वालों को इसके बारे में बतया जाता है तो गेंद नहरी विभाग के झोली में डाल कर बैठ जाते हैं और नार विभाग को इसके बारे में बताया जाता है तो पीएचडी के लोग ही काम करेंगे आखिर समस्या को लेकर किसके पास लोग जाए । अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत रामदेवरा में बराबर ठीक पीएचडी विभाग रामदेवरा पर बैठती है ।
—– सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष मूलाराम लिंमा का कहना है कि हर समय लोगों की सेवा के लिए पहले भी साथ में खड़े रहे थे और अब भी अगर लोग धरना दे रहे हैं तो साथ में रहकर समस्या का समाधान करवाने का प्रयास किया जाएगा पानी के लिए ग्रामीणों को परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।