श्रीगंगानगर , 6 अप्रैल । नशामुक्त भारत अभियान के अंतर्गत जिला पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख के निर्देशानुसार नशामुक्ति जनजागृति कार्यशाला पुलिस थाना पुरानी आबादी द्वारा बाल अधिकारिता विभाग के राजकीय संप्रेक्षण एवम् किशोर गृह में आयोजित हुई ।इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए राजकीय नशा मुक्ति परामर्श एवम् उपचार केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा . रविकांत गोयल ने कहा कि जब नशे की खुमारी में नौजवान अपराध जगत की ओर बढ़ जाते है तो वे नौजवान अपना तो सब कुछ तबाह कर ही लेते है । परिवारजनों को भी खून के आंसू बहाने को मजबूर कर देते है ।आज बाल अपराधियों से लम्बी बातचीत कर डा. गोयल ने राजकीय संप्रेक्षण एवम् किशोर गृह में आने से पहले किए जाने वाले नशे के सेवन के प्रकार ,उसकी मात्रा ,किन कारणों से नशा करना प्रारंभ किया , नशे के प्रभाव में आकर कौन सा अपराध हो गया , की जानकारी लेने के बाद बाल अपराधियों की लम्बी काउंसलिंग की और उन्हें प्रेरित किया कि हम अभी से अपने किए का पश्चताप प्रारंभ करे और अपने जीवन के ट्रैक को अच्छे मार्ग पर ले जाने की शुरुआत यही रहते हुए करे । डा.गोयल ने नशेडियो के लक्षण ,नशीले पदार्थो के दुष्परिणाम ,नशीले पदार्थो से बचने के उपाय से अवगत करवाते हुए नशामुक्त जीवन जीने का आह्वान किया । शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि समाजसेवी मुनीश कुमार लड्ढा ने इस अवसर पर बाल अपराधियों से जाना कि कौन कितना शिक्षित है , उन्होंने स्कूल में पढ़ते हुए जीवन में क्या बनने का सपना संजोया था , घर के आर्थिक हालात कैसे रहे , उन हालातो को बेहतर करने के लिए क्या अब सोच में कोई बदलाव यहां से जाने के बाद के लिए संजोया है क्या , मित्रो की गलत संगति से जीवन का जो इतना बड़ा नुकसान हुआ – जब समाज की मुख्य धारा में लौटेंगे तो क्या दूसरे लोगो को ऐसे लोगो से सावधान रहने के लिए जागरूक करने का कोई विचार मन में अब तक आया है क्या ? और फिर उन्हें संबोधित करते हुए कहा कि आप जिन भी परिस्थितियों के कारण नशे के सेवन में पड़े या आपसे जाने में या अनजाने में अपराध हो गया ,आप उसके कारण से आज राजकीय संप्रेक्षण एवम् किशोर गृह में है । आप बंद चार – दिवारी के इन कमरों में महसूस कर पा रहे होंगे कि जीवन की मुख्य धारा अर्थात समाज से कट जाने की पीड़ा क्या होती है । उधर आपके घरों में मां , बहिनों की आंखों से खून के आंसू बहते होंगे । आपको रोजाना एक घंटा इन सारी बातों को सोचने में लगाना चाहिए और अब आपको इन सारी परिस्थितियो में अपने आप को सुधारने की शुरुआत , अपनी दैनिक दिनचर्या को सुधारने से यही पर शुरू करनी चाहिए । जिन लोगो ने मैट्रिक तक की पढ़ाई कर रखी है ,वे आगे की पढ़ाई यही रहते हुए शुरू करे । अपनी नियमित दिनचर्या का टाइम टेबल विभाग के टाइम टेबल अनुसार अपनी अच्छी आदतों के रूप में शुरू करे । अपनी दैनिक दिनचर्या में नियमित रूप से योग ,व्यायाम और प्राणायाम को जोड़े । योग द्वारा मानव रक्त कार्बन रहित और ऑक्सीजन से प्रतिपूरित होता है । ये अतिरिक्त ऑक्सीजन के अणु जीवन प्रवाह में रूपांतरित होकर मस्तिस्क और मेरुदंड को नवशक्ति से पूरित करते है ।शरीर को प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन मिलने से खून की कमी दूर होती है । अब अपना आदर्श नेक और अच्छे लोगो को बनायेगें ,यह प्रण ले और जब भी घर लौटेंगे परिवार और समाज की उन्नति की सोच के साथ लौटेंगे । जब हमारी नियमित दिनचर्या अच्छी होगी तो हम नशे और समाज की दूसरी बुराइयों से बचे रह सकेंगे। लड्ढा ने बाल कैदियों , राजकीय संप्रेक्षण एवम् किशोर गृह के स्टाफ को इस अवसर पर नशामुक्त जीवन जीने का संकल्प भी दिलवाया ।
इस अवसर पर कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए बाल अधिकारिता विभाग के राजकीय संप्रेक्षण एवम् किशोर गृह के अधीक्षक राजीव जाखड़ ने संबोधित करते हुए कहा कि सभी बाल अपराधी नकारात्मक सोच से बाहर आकर , अपने आगामी जीवन के लिए रास्ते सकारात्मक रूप से तय कर लेंगे ,ऐसा आज की कार्यशाला के सार्थक परिणाम के रूप में सोचता हूं । पुराने वर्षो में जो बाल अपराधी यहां से जाने के बाद अपने जीवन को अच्छे मार्ग पर ले गए ,वे जब मिलते है तो प्रसन्नता होती है । आप सभी भविष्य में स्वयं नशे रूपी दल – दल में फंसने से बचे रहोगे और आपके पड़ोस में ,रिश्तेदारी में जो लोग किसी भी कारण से नशे का सेवन करते है ,उनको इस नर्क से छुटकारा दिलाने में अपने सहयोग का हाथ आगे बढाओगे ,यह आपसे आशा रखता हूं ।जिस तरह एक एक बूंद से घड़ा भर जाता है ,उसी तरह हम सबके व्यक्तिगत प्रयासों से सुंदर समाज की रचना हो सकती है । कार्यशाला में किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य विकास सारस्वत एवम् राजकीय संप्रेक्षण एवम् किशोर गृह का स्टाफ भी उपस्थित रहा ।राजीव जाखड़ ने डा. रविकांत गोयल ,समाजसेवी शिक्षाविद् मुनीश कुमार लड्ढा का उपयोगी कार्यशाला के लिए आभार भी जताया ।