जो काम हृदय करने के लिए नहीं माने उसे नहीं करना चाहिए – पदम भूषण कलमेश डी पटेल

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– हार्टफुलनेस के तत्वाधान में 6 जैड में हुआ मेडिटेशन सैशन
– पहली बार श्रीगंगानगर आये हार्टफुलनेस के चौथे अध्यक्ष कमलेश डी पटेल (दाजी)
श्रीगंगानगर, 9 अप्रैल (सौरभ जैन)। जब तक मन स्थिर ना हो तब तक ध्यान करे, और उसके बाद देखना कि जीवन में क्या क्या बदलाव आते है। जो काम दिल करने को मना करे उसे नहीं करना चाहिए और अगर करना भी पड़े मजबुरी में तो उसकी एक हद होनी चाहिए। आप ये सोचे कि जब हमने अपने हृदय की बात सुनी थी तो कैसे परिणाम आये थे, और ये सोचे कि जब हमने अपने हृदय की बात नहीं सुनी तब कैसे परिणाम आये थे, इसी से हमको आभास हो जायेगा कि दोनों में क्या फ्रक है। ये बातें आज गांव 6 जैड की हजूर सिंह ढाणी में बने हार्टफुलनेस के सहज मार्ग केन्द्र में आयोजित कार्यक्रम में हार्टफुलनेस (श्री राम चन्द्र मिशन) के चौथे अध्यक्ष पदम भूषण कमलेश डी पटेल (दाजी) ने कही। कार्यक्रम की शुरूआत में आये हुए सभी लोगों को आधे घंटे का ध्यान करवाया गया, जिसके बाद दाजी ने लोगों द्वारा पूछे गये सवालों के जवाब दिये। उन्होंने कहा कि विचार तो विचार ही है जो हमें ध्यान से दूर होने के लिए मजबूर कर देता है, चाहे वो अच्छा हो या बुरा। अच्छा विचार आयेगा तो मन गदगद हो जायेगा और अगर बुरा विचार आयेगा तो मन अशांत हो जायेगा। परंतु विचार आने से ध्यान तो भंग हो ही जाता है। इस अवसर पर बिहाणी शिक्षा न्यास, मां पब्लिकेशन्स ट्रस्ट, जुबिन स्पास्टिक संस्थान, सौरभ मीडिया आदि अनेकों संस्थानों द्वारा दाजी का पहली बार श्रीगंगानगर पधारने पर स्वागत सम्मान किया गया। इस अवसर पर डीएम सौरभ स्वामी, एसपी परिस देशमुख, डॉ. मोहित टांटिया, सतिश चन्द्र गोयल, राजकुमार जैन, जयदीप बिहाणी, सौरभ जैन, गौरव गुप्ता, मूलचंद गेरा, डॉ. दर्शन आहुजा, डॉ. विशू टांटिया, बेअंत बराड़, धर्मवीर डूडेजा, एसएल लहरी, संजीव पूनियां, चिराग, अभिमन्यू राठौड़, आदि अनेकों गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में दाजी ने स्वयं की पुस्तक दा विज्डम ब्रिज भी अतिथियों को प्रदान की

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