About

संपादक की कहानी

मैंने पत्रकारिता के पावन मिशन को सत्र 1990 से प्रारंभ किया है और सत्र 1992 से अनूपगढ़ को पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी कर्म भूमि के रूप में चुना और इस दौरान दैनिक भौर, दैनिक राष्ट्रदूत, दैनिक नवज्योति, ट्रिब्यून इत्यादि में संवाददाता के रूप में कार्य किया है तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ईटीवी, ज़ी मीडिया, एचबीसी चैनल व जनटीवी में भी पत्रकार के रूप में अपनी सेवाएं दे चुकी हूं। तथा कला वर्ग में स्नातक डिग्री के बाद पत्रकारिता में सूचना एवं जनसंचार में स्नातक उपाधि व सूचना एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर उपाधि हासिल करते हुए पत्रकारिता क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर प्रशासन द्वारा अनेक बार सम्मानित हुई हूं वही समाजसेवी संस्थाओं द्वारा भी समय-समय पर मुझे सम्मान देकर मुझे गौरवान्वित किया है वर्तमान में श्रीगंगानगर एवं जयपुर से प्रकाशित हो रहा दैनिक सीमा संदेश में अपनी सेवाएं दे रही हैं पत्रकारिता के माध्यम से क्षेत्र कि प्रत्येक समस्या को उठाते हुए उनका समाधान करवाया है वहीं हर वर्ग के दुख दर्द में शामिल होकर अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई है गरीब शोषित वर्ग की आवाज को पत्रकारिता के माध्यम से बुलंद किया है विशेषकर महिलाओं पर हो रहे अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए मैंने नारी शक्ति मंच का गठन कर उन्हें न्याय दिलाने एवं उनके घर बसाने में अहम भूमिका निभाई है बाल विवाह व देहज प्रथा जैसी कुरीतियों को रोकने के लिए कानूनी लड़ाई भी लड़ी है कच्ची बस्ती के लोगों को बसाने व झुग्गी झोपड़ी के लोगों की सहयोगी रहते हुए उनकी आवाज को बुलंद किया है हर वर्ग को न्याय दिलाने के लिए अपनी कलम को हमेशा सजग रखा है मैं एक संवेदनशील चिंतनशील सत्यवक्ता व कमजोर वर्ग और महिलाओं की हितैषी साथी हूं।

– चंद्र ओझा

अनूपगढ़ ज्योति का आज तक का सफर संपादक की कलम से

अनूपगढ़ सीमावर्ती कस्बा था जिसमें समस्याओं का अंबार लगा हुआ था शिक्षा एवं चिकित्सा दोनों ही महत्वपूर्ण आवश्यकता होने के बावजूद भी क्षेत्र इन दोनों सुविधाओं में पिछड़ा हुआ था क्षेत्र से कोई समाचार पत्र नहीं निकलने का दंश झेलने के बाद मैंने सोचा कि क्षेत्र की आवाज को बुलंद करना है तो स्थानीय समाचार पत्र होना अति आवश्यक है क्योंकि बड़े- बड़े समाचार पत्रों में इस छोटे से कस्बे की समस्याएं बहुत ही छोटे रूप में प्रकाशित की जाती थीं। इसीलिए क्षेत्र की आवश्यकता को समझते हुए मैंने 18 अगस्त 1995 को श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर हिंदी पाक्षिक अखबार अनूपगढ़ ज्योति निकाला जिसका लोकार्पण रायसिंहनगर के डॉक्टर अशोक गुप्ता, उप जिला कलेक्टर सुंदर लाल सोनी तथा अनूपगढ़ शहर की हस्तियों के कर कमलों द्वारा किया गया अनूपगढ़ ज्योति समाचार पत्र ने इस कस्वे को शहर बनते हुए देखा है और इस क्षेत्र की बारीकी से प्रत्येक समस्याओं को उठाया और उसका समाधान भी करवाया है। आज अनूपगढ़ शहर जिला बनने के काबिल हो गया है अनूपगढ़ जिला बनाओ संघर्ष समिति के साथ अनूपगढ़ ज्योति भी निरंतर अनूपगढ़ को जिला बनाने की मांग को सशक्त रूप से उठाता रहा है जब तक अनूपगढ़ जिला नहीं बनेगा तब तक हमारा भी संघर्ष निरंतर जारी रहेगा। वही सत्र 2004 में सिंचाई पानी की मांग को लेकर हुए आंदोलन में भी हमने पूरा समर्थन दिया और किसानों को भरपूर साथ देकर संघर्ष को जीता है। क्षेत्र के किसान व्यापारी मजदूर सहित हर वर्ग के दुख दर्द में अनूपगढ़ ज्योति हमेशा सहयोगरत रहा है अनूपगढ़ की कच्ची बस्ती को बसाने में अनूपगढ़ ज्योति की विशेष भूमिका रही तथा समाचार पत्र छोटा होने के बावजूद भी समस्याएं बड़ी-बड़ी उठा कर उनका समाधान करवाया है और अनूपगढ़ ज्योति की आवाज सदैव बुलंद और निष्पक्ष रही है । और अब बदलते परिवेश में सोशल मीडिया हर क्षेत्र में हावी है अनूपगढ़ ज्योति भी समय के साथ-साथ सोशल मीडिया एवं इंटरनेट पर पूर्णतया आ चुका है और अपनी बेहतर सेवाएं आपको दे रहा है । क्योंकि हम और आप सब समझते हैं की परिवर्तन ही जीवन है। समय के साथ परिवर्तन अनूपगढ़ ज्योति ने भी किया है इस परिवर्तन में हमें आप सबके सहयोग की महती आवश्यकता है। और हम निष्पक्ष व सच लिखने की ताकत रखते है हमारी ताकत आप से है। अनूपगढ़ ज्योति पूर्णता इंटरनेट पर आकर क्षेत्र की आवाज को बुलंद कर रहा है और आपको प्रत्येक निष्पक्ष व करंट समाचारों से बाकिफ करवाएगा दूसरा अनूपगढ़ ज्योति समाचार छुपाता नहीं आप तक पहुंचाने का प्रयास करता है। वर्तमान में अनूपगढ़ ज्योति फेसबुक पेज व वेब पोर्टल, यूट्यूब चैनल, इंस्टाग्राम, ट्विटर पर भी आपको मिलेगा। आप हमें फॉलो कीजिए हम आपके साथ हैं।

चंद्र ओझा

रेणु शर्मा