नई दिल्ली (मदनलाल पण्डितांवाली)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हफ़्ते की शुरुआत में लक्षद्वीप का दौरा किया. इस दौरे की तस्वीरें पीएम मोदी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर डाली थीं.तस्वीरों को शेयर करते हुए पीएम मोदी ने लिखा था कि जो लोग ‘रोमांच पसंद करते हैं उन्हें लक्षद्वीप जरूर आना चाहिए.’उन्होंने इस दौरान स्नॉर्कलिंग भी की और एक तरह से वे लक्षद्वीप के टूरिज्म को प्रमोट करते हुए नजर आए.इन तस्वीरों को देखने के बाद कई लाख लोगों ने गूगल पर अचानक से लक्षद्वीप को सर्च किया और सोशल मीडिया पर एक चर्चा यह छिड़ी कि अब लोगों को अपनी छुट्टी मालदीव की बजाय लक्षद्वीप में मनानी चाहिए. आपको बता दे कि अब सोशल मीडिया पर इस समय लक्षद्वीप बनाम मालदीव की एक जंग छिड़ी हुई है। पीएम नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप की यात्रा के बाद ये बहस शुरू हुई है। पीएम की इस यात्रा से अटकलें लगाईं कि मालदीव के पेंच कसने के लिए भारत अपने द्वीपों में पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। पीएम मोदी के दौरे के बाद से लक्षद्वीप गूगल सर्च इंजन पर सबसे ज्यादा सर्च किया जाने वाला कीवर्ड रहा है। शुक्रवार को, 50,000 से अधिक लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश को गूगल पर देखा, इसकी वजह ये पीएम की पोस्ट भी रही, जिसमें उन्होंने इस जगह की आश्चर्यजनक सुंदरता और वहां के लोगों की गर्मजोशी के बारे में लिखा।नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद सोशल मीडिया पर आग भड़काने का काम मालदीव की सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के ट्वीट ने किया। इन ट्वीट में नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाया गया तो भारतीयों को गंदा कहते हुए नस्लीय टिप्पणियां की गईं। इसमें जाहिर रमीज और मरियम शिउना खासतौर से अपने कमेंट के चलचते सोशल मीडिया पर भारतीयों के निशाने पर आए। इसी का नतीजा था कि सोशल मीडिया पर रविवार को बायकॉट मालदीव ट्रेंड करने लगा।
भारतीय रद्द करने लगे मालदीव की यात्रा
इस विवाद के बीच कुछ भारतीयों ने दावा कि कई लोगों ने मालदीव जाने के प्लान को बदल दिया है। कुछ लोगों ने अपनी रद्द की गई मालदीव यात्रा से जुड़ी तस्वीरें पोस्ट करते हुए मालदीव सरकार को आर्थिक नुकसान की बात कही। कई फिल्मी सितारों ने भी लक्षद्वीप को प्रमोट किया है। दोनों देशों के बीच इस तनाव की एक वजह ये भी है कि यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब भारत मालदीव में अपने सैनिकों और सैन्य उपकरणों को रखने के लिए दबाव बना रहा है।दोनों देशों के बीच सोशल मीडिया पर छिड़ी इस जंग पर मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भी बयान दिया है। मोहम्मद नशीद ने खासतौर से मालदीव की युवा सशक्तिकरण और सूचना और मंत्री मरियम शिउना के बयान से एतराज जताया है। मोहम्मद नशीद ने अपने ट्वीट में लिखा, मालदीव सरकार की एक प्रतिनिधि मरियम शिउना कितनी भयावह भाषा बोल रही हैं। वो भी एक ऐसे प्रमुख सहयोगी देश के नेता के लिए, जिससे संबंध मालदीव की सुरक्षा और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। मुइज्जू सरकार को इन टिप्पणियों से खुद को दूर रखना चाहिए।
मालदीव सरकार ने एक बयान जारी कर सफ़ाई दी है
रविवार को जारी बयान के अनुसार, “विदेशी नेताओं और शीर्ष व्यक्तियों के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर अपमानजनक टिप्पणी के बारे में मालदीव सरकार को जानकारी है. ये विचार निजी हैं और मालदीव सरकार के नज़रिए का प्रतिनिधित्व नहीं करते.”
बयान के अनुसार, “सरकार का मानना है कि बोलने की आज़ादी का बर्ताव लोकतांत्रिक और ज़िम्मेदार तरीके से किया जाना चाहिए ताकि इससे नफ़रत, नकारात्मकता न बढ़े और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ मालदीव के रिश्ते प्रभावित न हों.”
अब बयान में ये भी कहा गया है,कि “सरकार के संबंधित विभाग ऐसे लोगों पर एक्शन लेने से हिचकेंगे नहीं, जो इस तरह की अपमानजनक टिप्पणी करते हैं.”