शब्दों का व्यापारी हूँ, मुनाफ़े के लिए ज़मीर नहीं बेचता. विजय सुथार

लूणिंया,फिल्म उद्योग में आज 100 करोड़ या 200 करोड़ की होड़ में निर्माता  निर्देशक दर्शकों को फूहड़ता परोसने में लगे हुए हैं और अपनी सामाजिक जिम्मेदारी भूलते जा रहे हैं , यह कहना हैं बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बना चुके श्रीगंगानगर जिले के लूणिंया के नजदीक गोमावाली निवासी लेखक – निर्देशक विजय सुथार का.  […]